हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर किसानों ने शनिवार को दूसरे दिन भी अपना आंदोलन जारी रखा. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान एकजुट हो गए. बताया जा रहा है कि आंदोलनकारी किसान रविवार को दिल्ली कूच करने वाले हैं. किसान संगठनों का कहना है कि 8 दिसंबर, रविवार को दोपहर 12 बजे किसानों का जत्था शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर कूच करेगा. हालांकि इससे पहले वे ये देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि क्या केंद्र की ओर से बातचीत के लिए कोई प्रस्ताव दिया जाता है? दूसरी ओर किसानों के दिल्ली कूच को लेकर अंबाला में धारा 144 लागू कर दी गई है. जिससे 5 या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है.

101 किसानों का जत्था करेगा दिल्ली कूच- किसान नेता
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आज मोर्चे को चलते हुए 299 दिन हो गए. खन्नौरी बॉर्डर के डल्लेवाल के अनशन को 12 दिन हो गए हैं. 2 किसान शुक्रवार को पुलिस की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हुए हैं. कुल मिलाकर 16 किसान घायल हुए हैं. 4 किसानों को छोड़कर बाकी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. सरकार से बातचीत का कोई न्यौता सामने नहीं आया है. रविवार 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था शांतिपूर्ण रूप से दिल्ली की ओर आगे बढ़ेगा. इस दौरान किसी भी किसान के पास हथियार नहीं होगा. हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं कि किसानों के पास हथियार थे.

केंद्र सरकार और बीजेपी का चेहरा सबके सामने आ गया- पंढेर
पंढेर ने आगे कहा कि पुलिस की कार्रवाई से केंद्र सरकार और बीजेपी का चेहरा सबके सामने आ गया है. निहत्थे किसानों को दिल्ली पैदल जाने से रोका जा रहा है. सरकार मान रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से आधा पैसा दिया जा रहा है. शिवराज सिंह चौहान देश को भ्रमित करने की बात कर रहे हैं. हम एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी के कानून की मांग कर रहे हैं. सरकार हमसे बात करने के मूड में नहीं है. इसलिए कल 101 किसानों का जत्था शंभू बॉर्डर से एक बार फिर दिल्ली की और रवाना होगा.

क्या हैं किसानों की मांगें?
आंदोलनकारी किसानों की मांगों में एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, कृषि कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करना, पुलिस मामलों (किसानों के खिलाफ) को वापस लेना आदि शामिल हैं.

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