ग्रेटर नोएडा में पिछले कई दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं इसी कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने हाई पॉवर कमेटी द्वारा शासन की भेजी गई रिपोर्ट को पूरी तरह से असंवैधानिक और गैर कानूनी बताया है। इसके साथ ही किसानों ने 26 अक्टूबर को जिले में आ रहे प्रमुख सचिव से मुलाकात कर इस रिपोर्ट को खारिज करने और किसानों के हित में शासन की रिपोर्ट भेजे जाने की मांग की जाएगी। वहीं दीपावली के बाद सभी किसान संगठनों की राय से राष्ट्रीय स्तर का आन्दोलन शुरू किए जाने की चेतावनी दी।

राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के मार्गदर्शन में बनेगी आंदोलन की रणनीति
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर किसान नेता सुनील फौजी एडवोकेट ने बताया कि मोर्चा में दिल्ली NCR एवं उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के सैकड़ों किसान संगठन शामिल हैं। गौतमबुद्धनगर जनपद के सभी किसान संगठनों के साथ-साथ आंदोलनों में साथ देने वाले राष्ट्रीय स्तर के संगठनों के मार्गदर्शन में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

अधिकारों के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी- किसान नेता
इसके आगे किसान नेता सुनील फौजी एडवोकेट ने कहा कि पुराने कानून के तहत मिलने वाले 10% प्लॉट , 64.7% अतिरिक्त प्रतिकर जिसे माननीय हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है और नए कानून के लागू होने के बाद कानून के अनुसार मिलने वाले 20% प्लॉट और 4 गुना मुआवजा, किसानों और भूमिहीनों के बच्चों को रोजगार आदि की सुविधाएं जिन्हें देश की संसद के दोनों सदनों ने मिलकर राष्ट्रपति महोदय के हस्ताक्षर से देश में लागू किया गया हो, उसे किसी डी. एम., कमिश्नर और राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा कैसे गलत साबित किया जा सकता है। निश्चित तौर पर प्राधिकरणों के दबाव में यह किसान विरोधी रिपोर्ट तैयार कराकर भेजी गई है । इससे बड़ा किसानों के साथ कोई धोखा या विश्वासघात हो नहीं सकता है। किसानों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस रिपोर्ट के खिलाफ और अपने अधिकारों के लिए आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

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