नोएडा में फ्लैट लेना हर किसी का सपना होता है. मगर कई लोग ऐसे भी है जो रुपये जमा करने के बाद भी सालों से फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं. दरअसल बीते 14 सालों से सुपरटेक की अलग-अलग परियोजनाओं में 15 हजार से ज्यादा खरीदार फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं सुपरटेक परियोजनाओं के खरीददारों ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से मुलाकात की. इस दौरान खरीददारों ने बिल्डर पर धोखाधड़ी के आरोप लगाया. इसके अलावा जिन लोगों को घर दिए गए हैं उनके लिए प्रबंधन से दी जा रही सुविधाओं का अभाव है.

फरियादियों ने पुलिस कमिश्नर को बताई समस्या
खरीददार अयोग रस्तोगी ने कहा कि सुपरटेक लिमिटेड की आठ आवासीय परियोजनाएं, नार्थ आई, इकोसिटी, रोमानो, केप टाउन, इकोविलेज-1, इकोविलेज-3, स्पोर्ट्स विलेज, अपकंट्री के घर खरीदारों का प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा. कमिश्नर को बताया गया कि घर खरीदार सुपरटेक लिमिटेड और वाईजी एस्टेट के धोखाधड़ी के शिकार हैं. 2010 में सुपरटेक द्वारा शुरू की गई कई आवासीय परियोजनाएं अभी भी अधूरी हैं. आईआरपी हितेश गोयल की रिपोर्ट के अनुसार सुपरटेक लिमिटेड की आवासीय परियोजना में 15000 से अधिक घर खरीदार अभी भी अपने घर की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अधूरे घर, महंगा बिजली और पानी का शुल्क, अतिक्रमण समेत रखरखाव को लेकर तमाम असुविधाएं हैं.

पुलिस कमिश्नर ने एफआईआर दर्ज करने के दिए निर्देश
पुलिस कमिश्नर ने फरियादियों की शिकायतों का संज्ञान लिया और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया. कमिश्नर ने खरीददारों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि घर खरीदार अपनी शिकायत को डीसीपी क्राइम को दर्ज करा सकते हैं. जिस पर बिना देरी के कार्रवाई की जाएगी. बीते महीने सुपरटेक की परियोजनाओं के खरीदार पुलिस मुख्यालय में ईओडब्ल्यू के विशेष आयुक्त शरद अग्रवाल से मुलाकात कर बिल्डर पर फंड में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी की आशंका जताते हुए जांच की मांग कर चुके हैं. इस दौरान गुलशन कुमार, चेतन कपूर, महेंद्र कुमार महिंद्रा, अचिन मजूमदार और समन्वय राउत्रे आदि मौजूद रहे.

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