Pryagraj: संगम नगरी की धरती पर 144 साल बाद भव्य और दिव्य महाकुंभ मेले की शुरुआत पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ हो गई है। सोमवार की तड़के से ही देशी-विदेशी लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। करीब 12 किमी एरिया के स्नान घाटों पर जबरदस्त भीड़ है। सुबह 9.30 बजे तक 60 लाख भक्तों ने स्नान कर लिया है। शाम तक करीब 1 करोड़ भक्तों के स्नान करने का अनुमान है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, एजेंसियों ने संभाला मोर्चा
बता दें कि मेले में 7 स्तरीय कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था रखी गई है. रविवार की रात 8 बजे से ही अगले 4 दिनों के लिए महाकुंभ क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। NSG, ATS जैसी सुरक्षा एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया है। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व से पूर्व रविवार को भी लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। वहीं सोमवार की तड़के से ही बड़ी संख्या में साधु-संतों के साथ ही पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग पहुंचने लगे। पीएम मोदी के अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी महाकुंभ की शुरुआत पर लोगों को शुभकामनाएं दीं है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा है कि ‘पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है. हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं. भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है’.
गौरवशाली परंपरा का बनें हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘महाकुंभ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक है. यह आयोजन अनेकता में एकता की भावना को सजीव करता है. मां गंगा की पवित्र धारा में स्नान और साधना करने आए सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण हों. यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सनातन संस्कृति और परंपराओं के वैश्विक गौरव का प्रतीक भी है. महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं. आइए, महाकुंभ 2025 में सहभागी बनकर सनातन संस्कृति की इस गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनें. मां गंगा की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो’
कल अखाड़े के संत करेंगे शाही स्नान
बता दें कि महाकुंभ में सनातन के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों की छावनी क्षेत्र में मौजूदगी दर्ज हो चुकी है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहले अमृत स्नान पर सभी अखाड़े अपने क्रम के अनुसार स्नान करेंगे। DIG वैभव कृष्ण के अनुसार स्नान करने वालों का अनुमानित आंकड़ा 50 लाख के करीब है। 13 जनवरी 2025-पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी मकर संक्रांति (अमृत स्नान), 29 जनवरी मौनी अमावस्या (अमृत स्नान), 03 फरवरी बसंत पंचमी (अमृत स्नान), 12 फरवरी माघी पूर्णिमा (अमृत स्नान), 26 फरवरी महा शिवरात्रि पर प्रमुख स्नान हैं।