Noida: नोएडा में अवैध रूप से चल रहे अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का नोएडा पुलिस से भंडाफोड़ किया है। इसके साथ ही पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए इनके कब्जे से 2 सीपीयू 2 मॉनिटर 1 डायलर 20 दस्तावजे आदि बरामद किए हैं। पकड़े गए आरोपी अवैध रूप से सेक्टर 63 थाना क्षेत्र में मेसर्स किस्वा वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा को पहुंचा रहे थे खतरा
नोएडा पुलिस कमिश्रेट मीडिया सेल ने बताया कि 11 जनवरी को दूरसंचार विभाग (डीओटी) दिल्ली की टीम को इनपुट मिला कि जी-39 सैक्टर 63 नोएडा में मेसर्स किस्वा वेंचर्स इण्डिया प्रा.लि के प्रबंधक शिवम कुमार व देवकी नन्दन द्वारा अवैध अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर यूएसए सेटअप का दुरुपयोग किया जा रहा है। भारत के बाहर विदेशो जैसे दुबई, सऊदी, ऑस्ट्रेलिया आदि से इंटरनेट के माध्यम से कॉल भारत में आ रही है, जिनको नार्मल टेलीफोन कॉल पर स्विच करके उन्हे भारत में डिस्ट्रीब्यूट किया जा रहा है। जिससे सरकारी खजाने और दूरसंचार को भारी राजस्व की नुकसान पहुंचाया जा रहा है।जिस कारण प्रवर्तन एजेंसियां, राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है।
प्रबंधक और पार्टनर गिरफ्तार
इस इनपुट के आधार पर थाना सेक्टर 63 टीम एवं डीओटी टीम दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से जी-39 सैक्टर 63 पर जाकर जांच की गई तो इनपुट सत्य पाया गया तथा एक अवैध अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज संचालित हो रहा था। इसके बाद रविवार को थाना सेक्टर 63 पुलिस एवं डीओटी टीम दिल्ली द्वारा अवैध रूप से संचालित अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश करते हुए डायरेक्टर देवकी नन्दन और शिवम को जी-39 थर्ड फ्लोर सैक्टर 63 से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई।
दुबई, सऊदी और ऑस्ट्रेलिया से आने वाली कालों को भारत में किया था डिस्टीब्यूट
अभियुक्तगण मेसर्स किस्वा वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अवैध अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर यूएसए सेटअप का दुरुपयोग कर रहे थे तथा भारत के बाहर से विदेश (दुबई, सऊदी, ऑस्ट्रेलिया आदि) से इंटरनेट के माध्यम से कॉल आ रही थी, जिनको अभियुक्तगण अपने सर्वर के माध्यम से नार्मल टेलीफोन कॉल में स्विच करके उन कॉलो को भारत में डिस्ट्रीब्यूट कर रहे थे। अभियुक्तगण द्वारा अपने उक्त कार्य से सरकारी खजाने और दूरसंचार को राजस्व की भारी हानि पहुचायी जा रही थी।
अभियुक्तगण द्वारा टेलीफोन एक्सचेंज डीओटी (दूरसंचार विभाग) से वैध लाइसेंस के बिना ही टेलीफोन एक्सचेंज संचालित किया जा रहा था, जिसमें सेटअप में सीएलआई डिस्प्ले में विदेशो से इंटरनेट कॉल को भारतीय टेलीफोन नंबरों पर अग्रेषित किया जा रहा था। इस प्रकार अभियुक्तगण टेलीग्राफ और दूरसंचार के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। अभियुक्तगण का एसबीसी सर्वर एक तरफ इंटरनेट (एयरटेल) से और दूसरी तरफ टेलीफोन कनेक्शन (आरजेआईएल और वोडाफोन) से जुड़ा हुआ था, जो डीओटी से वैध लाइसेंस के बिना निषिद्ध है। अभियुक्तगण द्वारा इस प्रकार सेटअप के माध्यम से लाखों संदिग्ध कॉल विदेशों से भारतीय मोबाइल टेलीफोन नंबरों पर भेजी गईं, जिससे टीएसपी और भारत सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इस सेटअप से सरकार, सरकारी खजाने और भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को भारी राजस्व की हानि हो रही थी तथा अभियुक्तगण को आर्थिक लाभ हो रहा था। इस प्रकार की कॉल को वापस ट्रेस नहीं किया जा सकता था, जिस कारण प्रवर्तन एजेंसियां, राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो रहा था। इस अनधिकृत एक्सचेंज के माध्यम से आने वाली सभी कॉलों का कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा पता नहीं लगाया जा सकता था।
आरोपी शिवम ने बताई फ्रॉड कंपनी बनाने की पूरी कहानी
गिरफ्तार अभियुक्त शिवम ने पूछताछ में बताया कि मैं वर्ष 2014 में इन्टरनेशनल शिपिंग कॉर्पारेशन कम्पनी कनाट पैलेस दिल्ली में फील्ड का काम करता था। खाली समय में आफिस में बैठकर भी काम करता था। आफिस में रेट देखना तथा आयात निर्यात का काम सीखता था। इन्टरनेशनल शिपिंग कॉर्पोरेशन कम्पनी का एक कस्टमर अरशद था। मेरी अरशद से अच्छी जान पहचान हो गयी थी। नोट बन्दी व जीएसटी के समय हमारी कम्पनी बन्द हो गयी थी। करीब 4 साल बाद माह सितम्बर वर्ष 2024 में अरशद की मेरे पास काँल आयी और अरशद ने मुझसे नोएडा मे एसआईपीशिप कनेशन के बारे में जानकारी करने को कहा। तब मैंने शिप कनेक्शन की जानकारी लेकर अरशद को दे दी तो अरशद की कम्पनी डाट्स कार्गो के नाम से बैंगलूर की होने के कारण वह नोएडा में कनेक्शन नहीं ले पाया था। अरशद ने मुझे नोएडा में एक कम्पनी अरेंज करने के लिये कहा। इसी बीच मेरी बात एक देवकी नन्दन से हुई। देवकी नन्दन ने कहा कि बात कर लो मेरे पास कम्पनी है।
वरुण ने 250 शिप चैनल दिलवाए और डायलर मशीन
अरशद ने बताया कि हम इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट प्रमोशन कॉल का काम करेंगे। उसके बाद मैने तथा देवकी नन्दन ने जियो कम्पनी में चैनल पार्टनर सर्च किया तो हमारी वरुण नाम के व्यक्ति से बात हुई। वरूण की मीटिंग अरशद से साहिबाबाद में करायी थी। इसके बाद वरूण ने जियो के 250 शिप कनेक्सन (चैनल) दिलवाये फिर इसके बाद तब अरशद ने हमको एक मशीन भेजी जिसका नाम डायलर बताया तथा कैसे काम करेगा हमको समझाया। अरशद ने हमसे वाईफाई लगाने के लिये कहा तो हमने पहले दो वाईफाई लगवाई। फिर दो मांह के बाद अरशद ने 200 शिप कनेक्सन(चैनल) वीआई के तथा एक वाईफाई लेकर उसी डायलर से जोड़ने के लिये कहा। तब हमने अरशद के कहने से 200 शिप कनेक्सन (चैनल) वी0आई0के लेकर उसी डायलर से कनेक्ट कर दिये यह पूरा सैटअप अरशद ने ही मुझसे लगवाया था। अरशद ने मुझको 20 हजार रूपये तथा देवकीनन्दन को 60 हजार रूपये पहले महीने की हिस्सेदारी दी तथा कहा कि बाद में इनकम के हिसाब से 25 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जायेगी। अभियुक्त देवकी नन्दन उपपरोक्त ने बताया कि जी-39 में मेरी कम्पनी इम्पोर्ट/एक्सपोर्ट के काम के लिये रजिस्टर्ड है।
डायलर के माध्यम से कॉल हो जाती थी सस्ती
शिवम ने मुझको बताया कि इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट प्रमोशन कॉल का काम करने लिये कम्पनी की आवश्यकता है तो मैंने शिवम को अपनी कम्पनी के बारे में बताया तब शिवम ने किसी अरशद नाम के व्यक्ति से मेरी बात करायी तथा कहा कि अरशद इसमें अपना पैसा लगाएगा तथा आपकी कम्पनी होगी। मै इस काम को ऑपरेट करूँगा। इस कम्पनी में हम तीनो लोग पार्टनर थे तथा मेरी एवं शिवम की भी 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। उपकरण डायलर के बारे में बताया कि इसका काम आटोमैटिक डाटावैस काँल करना था, जिससे आटोमैटिक काँल होती रहती थी। दोनो गिरफ्तार अभियुक्तगण यह भी बताया कि जो इन्टरनेशनल कॉल आती थी वह डायलर के माध्यम से काफी सस्ती हो जाती थी। इस काम से जो भी पैसा हम लोगों को प्राप्त होता था वह हम तीनों लोग आपस में बाट लेते थे। अन्य अभियुक्त की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है।