दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक हुई. इस बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री मौजूद थे. इस बैठक में मुख्य रूप से दो मुद्दों पर चर्चा होनी थी. पहला हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी की दरें कम करने पर और दूसरा 2000 रुपये से कम के ऑनलाइन (डेबिट और क्रेडिट कार्ड से) ट्रांजेक्शन पर 18% जीएसटी लगाने का मामला मुद्दा था. फिलहाल इंश्योरेंस प्रीमियम सस्ता होने नहीं जा रहा है, क्योंकि इस मसले पर अंतिम फैसला अगली बैठक तक टाल दिया गया है. 

नवंबर में होगी काउंसिल की अगली बैठक
बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दर को मौजूदा 18 फीसदी से कम करने पर सहमति हो गई लेकिन इस पर अंतिम फैसला काउंसिल की अगली बैठक में लिया जाएगा. काउंसिल की अगली बैठक में तौर-तरीके तय किए जाएंगे. इसलिए काउंसिल की बैठक में बीमा प्रीमियम पर GST लगाए जाने के फैसले को टाल दिया गया है. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक नवंबर में होने वाली है. इसके अलावा चर्चा डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के छोटे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटर्स पर 18% जीएसटी लगाए जाने को लेकर होने वाले ऐलान पर नजर थी. लेकिन इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है और इस मामले को फिलहाल फिटमेंट कमेटी के पास भेज दिया गया है. 

नमकीन और कैंसर की दवाओं पर कम हुई जीएसटी
इसके अलावा नमकीन पर जीएसटी की दरें 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया गया है. साथ ही कुछ कैंसर की दवाओं पर जीएसटी की दरें कम करने पर सहमति हो गई है. मीटिंग के बीच उत्तराखंड के वित्त मंत्री ने बताया कि तीर्थयात्रा पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है.

अधिकतर राज्य बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती के पक्ष में
सूत्रों के मुताबिक अधिकतर राज्य बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती के पक्ष में हैं. अगर जीएसटी दरें कम की जाती हैं तो यह लाखों पॉलिसीधारकों के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि प्रीमियम राशि घट जाएंगी. जीएसटी आने से पहले बीमा प्रीमियम पर सेवा कर लगता था. बता दें कि साल 2017 में जीएसटी लागू होने पर सेवा कर को जीएसटी प्रणाली में शामिल कर लिया गया था. बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगाने का मुद्दा संसद में भी उठा था. विपक्षी सदस्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने की मांग की थी. यहां तक कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया था.

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