इस्लाम के पांच स्तंभों से में प्रमुख स्तंभ हज को माना गया है। मान्यता है कि हज करने से मुस्लिम लोगों के सारे पाप धुल जाते हैं और इंसान पवित्र होकर मक्का लौटता है। वहीं इस बार सऊदी अरब में शुरू हुई हज यात्रा के बाद लोग अपने घरों को वापस आएंगे भी या नहीं ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जी हां जहां एक तरफ पवित्र हज यात्रा शुरू हो चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ भीषण गर्मी का कहर जारी है। करीब एक हजार से ज्यादा हज यात्री अपनी जान गंवा चुके हैं। मरने वालों में काफी संख्या भारतीयों की भी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, अभी तक 98 भारतीय नागरिकों हज यात्रा 2024 के दौरान मौत हो गई है। विदेश मंत्रालय ने इन सभी लोगों की मौत का कारण बीमारी और ज्यादा उम्र बताया है।
मक्का शहर के 50 डिग्री तापमान ने लोगों को किया बेहाल
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हर साल काफी संख्या में भारतीय लोग हज यात्रा पर जाते हैं। इस साल भी एक लाख 75 हजार श्रद्धालु हज करने के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं जिनमें 98 लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है। वहीं पिछले साल 187 भारतीय नागरिकों की हज यात्रा के दौरान मौत हो गई थी। इससे पहले मंगलवार को सऊदी अरब सरकार ने कहा था कि अभी तक कम से कम 550 हज यात्रियों की मौत हो चुकी है। सऊदी सरकार के अनुसार, इनमें ज्यादातर लोगों की मौत मक्का में पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से हुई है। सऊदी अरब के मक्का शहर में गर्मी का यह आलम है कि बूढ़े लोगों को तो छोड़ दीजिए, जवान लोग भी किसी तरह अपनी जान को सलामत रख रहे हैं। इस साल गर्मी का पारा 50 डिग्री को पार गया जो हज यात्रियों के लिए किसी आफत से कम नहीं रहा। पिछले कुछ दशकों में यह रिकॉर्ड तापमान बताया जा रहा है। सऊदी अरब सरकार बढ़ती गर्मी को देखते हुए हज यात्रियों को लगातार सलाह दे रही है। सऊदी अधिकारियों ने यात्रियों से कहा है कि वह तेज धूप में छाते का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही खूब पानी पिएं और जब धूप बहुत तेज हो तो बाहर निकलने से बचें।
सऊदी अरब में हर दशक तापमान मे हो रहा इजाफा
सऊदी अरब में गर्मी के तापमान में हर दशक इजाफा हो रहा है। हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, मक्का और आसपास के धार्मिक इलाकों का तापमान हर दशक 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। सऊदी के मौसम विभाग की मानें तो बीते सोमवार को मक्का की ग्रैंड मस्जिद के पास तापमान 51.8 डिग्री डिग्री सेल्सियस रहा था।