पेपर लीक को लेकर पूरे देश में हंगामा बरपा हुआ है, जगह-जगह छात्रों का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, यहां तक की सियासी दलों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, लेकिन इस बीच पेपर लीक मामले में पुलिस ने रवि अत्री नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है जिसे इस केस का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. ऐसे में ये भी जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कौन है रवि अत्री, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।

नीट का पेपर पटना और नालंदा से किया गया लीक
बताया जा रहा है कि नीट परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र को पटना और नालंदा से लीक किया गया था। इसके बाद पटना के एक हॉस्टल में नीट अभ्यर्थियों को जमा कर उनसे प्रश्न पत्र रटवाया गया था। वहीं पटना के अलावा रांची के भी एक कॉलेज में छात्रों से पेपर हल कराने की खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार बिहार में रवि अत्रि के दो गुर्गे हैं, जिनका नाम अतुल वत्स और संजीव मुखिया है। अतुल वत्स मूलरूप से जहानाबाद जिले का रहने वाला है। अतुल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है। वहीं, संजीव मुखिया को ईओयू अपने गिरफ्त में ले चुकी है।

सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का है मास्टरमाइंड
इससे पहले भी रवि अत्री का नाम यूपी में कई प्रायोगिक परीक्षाओं से जुड़े प्रश्नपत्रों को लीक कराने में सामने आ चुका है। उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी रवि अत्री का नाम सामने आया है। वहीं इस मामले में यूपी एसटीएफ ने पहली चार्जशीट दाखिल की है। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने मास्टरमाइंड रवि अत्री समेत 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यूपी एसटीएफ ने 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें रवि अत्री, राजीव नयन मिश्रा के साथ लॉजिस्टिक कंपनी टीसीआई एक्सप्रेस के कर्मचारी शिवम गिरी, रोहित पांडे, अभिषेक शुक्ला और दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल का भी नाम शामिल है।

रवि अत्री जेवर के बस स्टैंड से हुआ था गिरफ्तार
पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना रवि अत्री नामक व्यक्ति को एसटीएफ की टीम ने गौतमबुद्धनगर के थाना जेवर के बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया था। इसे यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 के प्रश्न पत्रों को अहमदाबाद स्थित टीसीआई कंपनी के दफ्तर में रखे ट्रंक से निकालकर सार्वजनिक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा इसी साल 2024 में फरवरी में आयोजित हुई थी, इस परीक्षा में 48 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इनमें लगभग 16 लाख महिला अभ्यर्थी भी थीं, यह परीक्षा 17 और 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में चार पालियों में 2,385 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। पेपर लीक की रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार ने यह परीक्षा रद्द कर दी थी।

कभी खुद भी की थी कोटा में पढ़ाई
बता दें कि रवि अत्री मूलरूप से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के लिम्का गांव का रहने वाला है। साल 2007 में रवि अत्री मेडिकल की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा गया था और यहीं से वह सॉल्वर गैंग के संपर्क में आ गया। लिहाजा उसने पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ दी और पेपर लीक के धांधली में कूद पड़ा।

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