शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 3 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. इस दिन लोग घरों में कलश स्थापना करके पूरे विधि विधान के साथ मां की पूजा-अर्चना करते हैं. हिंदू धर्म में इस दिन कलश स्थापना का बहुत महत्व होता है क्योंकि मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि इस कलश में ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ ही सभी 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है. वहीं घट स्थापना से ही माता के नवरात्रों की शुरुआत होती है. ऐसे में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त जानना भी बेहद जरूरी होता है. तो आइए जान लेते हैं घट स्थापना का शुभ मूहूर्त क्या हैं और कैसे करें माता रानी को प्रसन्न-

शारदीय नवरात्र में घट स्थापना के दो मुहूर्त
नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इन 9 दिनों में सच्चे मन से मां की सेवा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं मां पूरी करती हैं. इसके लिए दिनभर में दो ही मुहूर्त रहेंगे। पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्टूबर की सुबह 12 बजकर 19 मिनट से होगा. जिसका समापन अगले दिन 4 अक्टूबर की सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार शारदीय नवरात्रि गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 से आरंभ हो रही है. नवरात्रि के पावन पर्व का समापन शनिवार 12 अक्टूबर को होगा. वहीं इस बार घट यानी कलश स्थापना के दो मुहूर्त हैं. घट स्थापना का मुहूर्त गुरुवार को सुबह 6:15 से लेकर सुबह 7:22 तक रहेगा. इसके अलावा घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 बजे से लेकर दोपहर 12:33 बजे तक रहेगा.

कैसे करें कलश स्थापना
पूर्व या उत्तर दिशा में कलश की स्थापना करें. कलश स्थापना आप घर के मंदिर में भी कर सकते हैं.
इस कलश में चावल, गेहूं, जौ , मूंग, चना, सिक्के, कुछ पत्ते, गंगाजल, नारियल, कुमकुम, रोली डालें. इसके ऊपर नारियल रखें.
कलश के मुंह पर मौली बांधकर कुमकुम से तिलक लगाएं. कलश को एक चौकी पर देवी मां के ठीक सामने स्थापित करें.
कलश पर रोली और चावल से अष्टदल कमल बनाकर सजाएं, साथ ही कलश पर स्वास्तिक का निर्माण करें.
माता रानी के मंत्रों का जाप करके कलश में जल चढ़ाएं और धूप दीप करें.

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