ग्रेटर नोएडा के GLBIMR ने नेशनल एचआरडी नेटवर्क के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया। स्टूडेंट चैप्टर “एचआर होराइजन नेविगेटिंग द फ्यूचर ऑफ वर्क” विषय पर एक दिन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आधुनिक कार्य क्षेत्र में तेजी से विकसित हो रहे बदलावों, सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल और अमूल्य सुझावों पर चर्चा करना था। सबसे पहले संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने कार्यक्रम के अथितियों का स्वागत किया। इसके साथ ही कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजन समिति और प्रतिभागियों को बधाई दी।

सॉफ्ट स्किल्स सफलता पर 80 प्रतिशत प्रभाव डालती
वहीं कार्यक्रम की शुरुआत सम्मानित अतिथि और NHRDN के महानिदेशक धनंजय सिंह के नेतृत्व में आचार संहिता पर चर्चा के साथ हुई। धनंजय सिंह ने काम करने के स्थानों के परिवेश में व्यावसायिकता और नैतिक व्यवहार के महत्व पर जोर दिया। इसके बाद एनएचआरडीएन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जेके संगठन में ग्रुप एचआर के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने अध्यक्षीय भाषण में भारत की स्थिर अर्थव्यवस्था के साथ विपरीत वैश्विक रुझानों पर प्रकाश डाला। इसके साथ इस बात पर जोर दिया कि सफलता प्राप्त करने में सॉफ्ट स्किल्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। धनंजय सिंह ने बताया कि सॉफ्ट स्किल्स सफलता पर 80 प्रतिशत प्रभाव डालती हैं और उन्होंने व्यक्तिगत क्षमता को अनलॉक करने के लिए इन कौशलों को पोषित और निखारने में NHRDN की भूमिका पर जोर दिया।

छात्रों में चुनौतियों का सामना करने की क्षमता होना जरूरी
वहीं इस दौरान मुख्य अतिथि मारुति सुजुकी के पूर्व कार्यकारी सलाहकार एस.वाई. सिद्दीकी ने भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्व और चुनौतियों का सामना करने में एक अलग क्षमता के निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को अपनी पेशेवर पहचान की विकास और अपने कार्यों में प्रामाणिकता अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। मैक्स इंडिया लिमिटेड के सलाहकार ग्रुप ह्यूमन कैपिटल और NHRDN के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पीडी वारकानाथ ने वीडियो संदेश के द्वारा कार्यस्थल की बदलती गतिशीलता के अनुकूल अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के महत्व को बताया। इसके अलावा एक और वक्ता अग्निवेश ठाकुर ने छात्रों से छात्र अध्याय में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जिज्ञासा और आत्म-लाभ पाने तक की अपनी यात्रा साझा की।

पैनलिस्टों ने छात्रों से लगातार सीखने की क्षमता पर जोर देने को कहा
सीएचआरओ वेव समूह की अध्यक्ष रश्मी द्वारा संचालित पैनल चर्चा में कार्यबल पर एआई के प्रभाव और स्वचालन के युग में अनुकूलनशीलता और मानवीय प्रभाव बनाए रखने के महत्व पर चर्चा की गई। पैनलिस्टों ने तकनीकी प्रगति के सामने आगे बढ़ने के लिए निरंतर सीखने और कौशल में विविधता की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम ने 47वें छात्र अध्याय की स्थापना को भी चिह्नित किया। कार्यशाला के एक अन्य सत्र में प्रतिष्ठित वक्ताओं और विशेषज्ञों ने समस्या-समाधान, प्रामाणिकता और विनम्रता जैसे प्रमुख सॉफ्ट कौशल को व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए आवश्यक गुणों के रूप में उजागर किया।

उभरते नौकरी बाजार और एआई विषय पर भी हुई चर्चा
इस कार्यक्रम के दौरान उभरते नौकरी बाजार और एआई एकीकरण के बीच प्रासंगिक बनी रहने वाली भूमिकाओं पर भी चर्चा हुई। पैनलिस्टों ने तेजी से बदलते परिदृश्य में भावनात्मक बुद्धिमत्ता, डेटा विश्लेषण और विकास मानसिकता के महत्व पर जोर दिया। वहीं विभाग की निदेशक डॉ. सपना राकेश ने प्रतिभागियों को मॉक इंटरव्यू के लिए एआई टूल का लाभ उठाने, उद्योग कार्यक्रमों में भाग लेने, अपनी रोजगार क्षमता बढ़ाने और अपने करियर और समुदायों में सार्थक बदलाव लाने के लिए अल्पकालिक परियोजनाओं में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित किया।

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