ग्रेटर नोएडा का कुणाल हत्याकांड अभी भी पुलिस के लिए एक अनसुलझी पहेली बना हुआ है। अपहरण होने से लेकर शव मिलने के 6 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। ह्रदय विदारक घटना के चलते आमजन से लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी जिले सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार को सांत्वना दिया और वारदात के आरोपी व लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद डॉ. महेश शर्मा ने भी गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सांत्वना दिया। इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। उधर जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिख कर घटना से अवगत कराते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच व दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

दर्दनाक घटना के बाद आमजन में आक्रोश व्याप्त
किसान व व्यापारी संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए जिले की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेंद्र उर्फ धीरू भैय्या ने कहा कि कमिश्नरेट में पद संभालने के लिए अधिकारियों की फौज तैनात है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था जीरो है। चंद माह में अपहरण कर हत्या की कई घटनाएं हो जाती हैं और हमारा पुलिस-प्रशासन बदमाशों के आगे नतमस्तक नजर आता है। वहीं राष्ट्रीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष इकपाल सिवाच, किसान एकता संघ गीता भाटी, संयुक्त व्यापार मंडल सुनील तायल, व्यापारी सुरक्षा फोरम दीपक कुमार आदि ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए जल्द कार्रवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

15 मई को कुणाल को अगवा कर की गई हत्या
गौरतलब है कि रबूपुरा कोतवाली के गांव म्याना निवासी कृष्ण शर्मा ग्रेटर नोएडा में ढाबा चलाते हैं। गत एक मई को उनके 15 वर्षीय पुत्र कुणाल का ढाबे से कार सवार बदमाशों ने अगवा कर हत्या कर दी थी। जिसका शव 5 मई को बुलन्दशहर नहर से बरामद हुआ था। आक्रोशित लोगों ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और शव का अंतिम संस्कार किया गया था। लेकिन 6 दिन बीत जाने के बावजूद भी हत्या का कारण व आरोपियों का पता लगाने में हमारी हाईटेक पुलिस नाकाम रही है। जोकि पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है।


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