24 नवंबर 2024, जब सुबह-सुबह खबर आई की संभल में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान बवाल हो गया है, जिसके बाद सियासी शोर ऐसा दिखा जिसने सबको टेंशन में डाल दिया, एक ओर जहां योगी सरकार इस मुद्दे पर सख्त एक्शन लेते हुए दिखाई दी तो वहीं दूसरी ओर सपा से लेकर कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों ने बीजेपी सरकार पर सवाल दागने में कोई कसर नहीं छोड़ी, खास तौर पर अखिलेश ने इस मुद्दे को भी सियासत में खूब भुनाया, कभी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए तो कभी योगी सरकार पर तंज कसने में अखिलेश पीछे नहीं हटे. लेकिन 3 दिसंबर को यूपी में सियासी तपीश तब और बढ़ गई जब सपा डेलीगेशन के बाद कांग्रेस ने संभल जाने की बात कही, जिसको लेकर प्रशासन ने ऐसी तैयारी की जिसने सबको हैरत में डाल दिया, क्योंकि राहुल-प्रियंका की लाख कोशिशों के बाद भी वो संभल नहीं जा सके और उन्हें गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली की ओर वापस लौटना पड़ा. जिसके बाद दिल्ली तक सियासी खलबली मची हुई है.

राहुल प्रियंका ने बीजेपी सरकार पर उठाए सवाल
वहीं काफिले के रोके जाने पर राहुल प्रियंका ने बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए प्रियंका ने कहा कि भाजपा न्याय की आवाज से डरती है. भाजपा इंसानियत और मोहब्बत से डरती है. भाजपा भाईचारे और एकता से डरती है. भाजपा अपने ‘नफरत के बाजार’ को बचाने के लिए ‘मोहब्बत के हर सन्देश’ को बैरिकेड कर देना चाहती है. लेकिन न तो मोहब्बत का सन्देश रुकेगा, न ही सच्चाई की आवाज दबेगी. एक ओर जहां राहुल-प्रियंका ने सरकार पर सवाल उठाए तो वहीं अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर बड़ा बयान दे डाला, उन्होंने कहा की बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर BJP जवाब देने से बच रही है, संभल बीजेपी की सोची समझी साजिश वाली घटना है.

संविधान की किताब लेकर घूमते हैं राहुल
ऐसा नहीं की बीजेपी ने इस मामले में राहुल-प्रियंका पर सवाल नहीं उठाए, खुद योगी सरकार के मंत्री ने कहा कि जिस संविधान की किताब को लेकर राहुल गांधी घूमते हैं उसी का पालन वो नहीं कर रहे हैं, अब एक ओर जहां संभल जाने पर 10 दिसंबर तक योगी सरकार ने रोक लगा रखी है तो वहीं दूसरी ओर अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर राहुल-प्रियंका से लेकर अखिलेश को क्यों जाने नहीं दिया जा रहा है, क्या इसके पीछे कोई खास वजह है य़ा फिर कोई सियासी टशन, अब आगे और क्या कुछ होता है ये देखने वाली बात होगी

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