तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद और लड्डुओं में मिलावट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक रिपोर्ट से पता चला था कि तिरुपति मंदिर का जो प्रसाद भक्तों के लिए तैयार होता है. उसमें घी की जगह सूअर की चर्बी, मछली का तेल, बीफ टालो आदि का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं इस विवाद से तुरंत पहले तिरुपति मंदिर के लिए घी की सप्लाई एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड करती थी. विवाद बढ़ने के बाद अब ये कंपनी सवालों के घेरे में आ गई है. चंद्रबाबू नायडू ने एक वीडियो में आरोप लगाया है कि तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद को बनाने में घी के बजाय पशु चर्बी का इस्‍तेमाल किया गया है.

अधिकारियों ने प्रोडक्ट की क्वालिटी को कानूनी रूप से मंजूरी दी- एआर डेयरी
तिरुपति मंदिर में एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड घी की सप्‍लाई करती थी. प्रसाद को लेकर विवाद शुरू होने के बाद कंप‍नी सवालों के घेरे में आ गई है. हालांकि कंपनी ने इस पर अपनी सफाई दी है. तमिलनाडु की एआर डेयरी का कहना है कि उनके प्रोडक्ट के सैंपल को अधिकारियों ने क्वालिटी के लिए कानूनी रूप से मंजूरी दी है. कंपनी का कहना है कि जब भी सप्‍लाई हुई तो रजिस्‍टर्ड लैब से जांच कराया गया.

घी सप्लायर कंपनियों की कीमतें 320 से 411 रुपये प्रति किलो
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव का कहना है कि चेतावनी के बावजूद एआर फूड्स के भेजे गए चार घी के टैंकर पहली नजर में ही घटिया क्वालिटी के पाए गए. जिसके बाद अब तिरुपति मंदिर बोर्ड ने एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है और कथित तौर पर मिलावटी घी की आपूर्ति करने के लिए उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है. राव ने कहा कि TTD के पांच घी सप्लायर प्रीमियर एग्री फूड्स, कृपाराम डेयरी, वैष्णवी, श्री पराग मिल्क और एआर डेयरी हैं. जिनकी कीमतें 320 रुपये से लेकर 411 रुपये प्रति किलो तक हैं. बता दें कि ये विवाद तब शुरू हुआ, जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबूनायडू ने इस सप्ताह की शुरुआत में आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू में घटिया सामग्री और जानवर चर्बी पाई गई थी.

नंदिनी फिर करेगी घी की सप्‍लाई 
2013 से 2018 के बीच नंदिनी ब्रांड के घी ने करीब 4,000 मीट्रिक टन घी की आपूर्ति तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को की थी. 2019 में भी लगभग 1,170 टन घी भेजा गया. इसके बावजूद 2020 से नंदिनी ने तिरुपति देवस्थानम को घी की आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद कर दी गई थी, क्योंकि अन्य प्रतिस्पर्धियों की कम कीमतों से नंदिनी मेल नहीं खा सकी थी. जिसके चलते ठेका किसी और को मिल गया. अब ये विवाद सामने आने के बाद नंदिनी को फिर से घी सप्‍लाई करने का ऑर्डर दे दिया गया है. वहीं इस मामले को लेकर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के अधिकारियों का कहना है कि नंदिनी में उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता. KMF के एक अधिकारी ने कहा कि “नंदिनी में मिलावट या घटिया सामग्री के इस्तेमाल की कोई संभावना ही नहीं है.”

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