उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुए बवाल के बाद महसी और आसपास के इलाकों में 48 घंटे बाद स्थितियां सामान्य नहीं हो रही हैं। पीएसी, आरएएफ के साथ भारी पुलिस बल तैनात होने के बावजूद सोमवार रात फिर से हिंसा भड़क उठी। इस दौरान उपद्रवियों ने कई दुकानों और घरों को निशाना बनाया। इसके साथ ही एक धार्मिक स्थल को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। वहीं, रविवार शाम को हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के परिजनों ने कहा है कि वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस की लापरवाही से ये घटना हुई है। दोषियों का भी एनकाउंटर होना चाहिए। 

20 किलोमीटर क्षेत्र में कर्फ्यू जैसे हालात
बता दें कि रविवार की शाम को दुर्गा मूर्ति विसर्जन के समय हुए बवाल को लेकर भड़की हिंसा के बाद पूरे क्षेत्र में फोर्स तैनात है।वहीं, हिंसा की आग में रामपुरवा चौकी, महाराजगंज और महसी तहसील का करीब 20 किलोमीटर का क्षेत्र जल रहा है। रामपुरवा चौकी, महाराजगंज और महसी में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात हैं। स्कूल-कॉलेज और बाजार बंद रखे गए हैं। इंटरनेट सेवाएं भी सोमवार से बंद हैं। वहीं, प्रभावित इलाकों में आधार कार्ड देखकर ही लोगों को एंट्री दी जा रही है। रामपुरवा चौकी, महाराजगंज और महसी क्षेत्र में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद इन इलाकों के ज्यादातर घरों से पुरुष गायब हैं। वहीं, बवाल में मारे गए गोपाल मिश्रा के गांव रेहुवा मंसूर में किसी को भी जाने नहीं दिया जा रहा है।

रामगोपाल की 3 महीने पहले हुई थी शादी
हिंसा में मारे गए युवक गोपाल मिश्रा के भाई किशन ने बताया कि जिस तरह से उनके भाई की हत्या की गई है।  हत्यारों को भी वैसे ही एनकाउंटर में मार गिराना चाहिए। मुख्यमंत्री से बस यही मांग है। जब उनके भाई को गोली लगी तो वह भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि गोली मारने वालों को अपनी आंख से देखा है। प्लास से उसके नाखून उखाड़े गए हैं और एक नहीं 10-15 गोली मारी गई हैं। कृष्ण ने बताया कि उसके भाई रामगोपाल मिश्रा की तीन माह पहले ही शादी हुई थी और अब सब कुछ बर्बाद हो गया। मुख्यमंत्री से पूरी उम्मीद है कि उनके परिवार को न्याय देंगे।

मायावती ने सरकार को माना जिम्मेदार
वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके कहा है कि यूपी के बहराइच जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति का खराब होकर काबू से बाहर हो जाना चिन्ताजनक है। ऐसे हालात के लिए शासन-प्रशासन की नीयत व नीति पक्षपाती नहीं, बल्कि पूरी तरह से कानूनवादी होनी चाहिए, जिससे मामला गंभीर न होकर शान्ति व्यवस्था की स्थिति बनी रहे।

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