Greater Noida: चार साल पहले ग्रेटर नोएडा में हुई उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी चोरी की गुत्थी आज भी उलझी हुई है। अगस्त 2020 में सिल्वर सिटी-2 सोसाइटी के फ्लैट नंबर – 301 से चोरों ने 36 किलो सोना और छह करोड़ की नकदी चुराई थी। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद 10 महीने बाद चोरों को पकड़ा था। पकड़े गए चोरों के कब्जे से 17 किलो सोना और 57 लाख रुपये बरामद हुए थे। लेकिन न तो किसी ने चोरी का केस दर्ज कराया और न ही किसी ने बरामद माल पर दावा किया।

10 चोरों ने मिलकर की थी चोरी
पुलिस ने इस केस में हाल ही में कोर्ट में नौ आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, लेकिन इसमें भी माल किसका है, इसका जिक्र नहीं है। पुलिस के अनुसार, चोरी की इस घटना में दस आरोपी शामिल थे। अभी तक इस मामले में तीन चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि पहले बरामद माल किशलय पांडेय और राम मूर्ति पांडेय का होने का दावा किया जा रहा था, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया। जांच के लिए आयकर विभाग और ईडी को भी पत्र लिखा था, लेकिन दोनों विभागों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।

काले धन पहेली अब भी उलझी
आखिर किराये के फ्लैट में किसने करोड़ों की नकदी और सोने की ईंट छिपाकर रखी थीं। यह काला धन कहां से आया था, यह किसी हवाला कारोबार का हिस्सा था या फिर रैकेट का हिस्सा है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि जब तक इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चलेगी, तब तक बरामद माल कोषागार में सुरक्षित रखा रहेगा। बाद में कोर्ट के आदेश पर इसका फैसला होगा। जिस माल का कोई दावेदार नहीं होता, वह शासन के सुपुर्द कर दिया जाता है।

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