अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण नवरात्रि के पहले दिन से यानी आज से शुरू हो गया है. इस दौरान मंदिर निर्माण की जगह पर पहले पूजा- अर्चना की गई. इसके बाद शिखर में लगने वाले मुख्य पत्थर को मंदिर परिसर में पूजा गया. वहीं मुख्य शिखर निर्माण को लेकर मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी एजेंसियां अयोध्या पहुंच चुकी है. शिखर का डिजाइन तैयार करने वाली सोमपुरा आर्किटेक्ट्स के अलावा कंस्ट्रक्शन एजेंसी लार्सन एंड टुब्रो, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की, राष्ट्रीय भू भौतिकीय अनुसंधान संस्थानके विशेषज्ञ भी मौजूद रहे. इसके अलावा मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र भी मौजूद रहे

शिखर निर्माण में लगेंगे 120 दिन
नागर शैली के अनुसार बनाए गए भव्य मंदिर के शिखर का निर्माण भी इसी शैली का यानी पिरामिड के आकार का होगा. जिसे सोमपुरा आर्किटेक्ट्स ने डिजाइन किया है. जिसको ट्रस्ट पहले ही ट्रस्ट पहले ही फाइनल कर चुका था. इस भव्य रामलला मंदिर की शिखर तक की ऊंचाई 161 फीट है. वहीं शिखर के निर्माण में कम से कम 120 दिन का समय लगने वाला है. इस शिखर पर धर्म ध्वज भी होगा. मंदिर के निर्माण में शिखर सबसे मुश्किल माना जाता है. इसके लिए निर्माण शुरू होते समय सभी एजेंसीज़ के प्रतिनिधि इस दौरान मंदिर परिसर में मौजूद रहे. राम मंदिर के निर्माण की विशेषताओं को ध्यान रखते हुए शिखर का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए शिखर की मज़बूती और ख़ूबसूरती दोनों का खास ध्यान रखा जा रहा है.

जल्द ही भक्तों को होंगे राम दरबार के दर्शन
जल्द ही राम मंदिर आने वाले भक्तों को राम दरबार के भी दर्शन होंगे. अगले साल 2025 में होली से पहले प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना हो जाएगी. इसको लेकर बैठक में चर्चा भी हुई.राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने जानकारी देते हुए कहा है कि राम दरबार की डिज़ाइन का काम पूरा हो चुका है. राम दरबार अपने पूर्ण रूप में और संगमरमर का होगा. जिसमें राम, सीता, तीनों भाई और हनुमान जी की मूर्ति विराजमान होगी. इसकी डिज़ाइन को मूर्तिकार वासुदेव कामथ ने अप्रूव कर दिया है. हालांकि मंदिर के पूरे भवन के निर्माण का काम पूरा होने में तय समय से दो महीने का समय ज़्यादा लगने वाला है. मंदिर के परकोटे और सप्त मंडप का काम भी साथ में ही चल रहा है. मुख्य भवन के अलावा लैंडस्केपिंग का काम भी हो रहा है. ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा हो गया है, साथ ही प्रथम तल का निर्माण क़रीब 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है.

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