उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के कर्मचारियों के बाद गुरुवार को युवाओं को सरकारी नौकरी का तोहफा दिया है। सीएम योगी ने कुल 1950 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए और कहा कि अगर अच्छे, सक्षम और योग्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं होगा तो सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जिस तंत्र को कार्य करना है, वह स्वयं लकवाग्रस्त हो जाएगा।

1950 युवाओं को मिला नियुक्तिपत्र

सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिवाली से पहले यूपी के युवाओं को सरकारी नौकरी का उपहार दिया। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1,526 ग्राम पंचायत अधिकारियों, 360 ग्राम विकास अधिकारिया (समाज कल्याण) और 64 समाज कल्याण पर्यवेक्षकों समेत कुल 1,950 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, ‘आप में से कुछ अभ्यर्थियों ने 2017 के पहले भी आवेदन किया होगा। सक्षम व समर्थ होने के बावजूद सिर्फ इसलिए चयन नहीं हुआ होगा, क्योंकि आपके पास पहुंच और अभिभावक के पास इतना पैसा नहीं था कि नियुक्ति करा सकें। सब कुछ होने के बावजूद आपको चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता था। अच्छे, सक्षम और योग्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं होगा तो सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जिस तंत्र को कार्य करना है, वह स्वयं लकवाग्रस्त हो जाएगा। ऐसी स्थिति पैदा न हो, इसके लिए 2017 में ही तय किया गया कि जितने भी आयोग तथा बोर्ड हैं, वे निष्पक्षता तथा पारदर्शी तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए भर्ती प्रक्रिया संपन्न करें।

आगे सीएम योगी ने कहा कि ”हमारी सरकार में सरकारी, निजी क्षेत्र और संविदा के आधार पर नियुक्तियां ईमानदारी से बढ़ीं तो उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में तेजी से दौड़ता दिखाई दे रहा है।” मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि नवचयनित अभ्यर्थियों को जितनी निष्पक्षता और पारदर्शिता से नियुक्ति मिली है, पूरा कार्यकाल उसी निष्पक्षता और पारदर्शी तरीके से बढ़ता जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से उत्तर प्रदेश भारत की नंबर एक अर्थव्यवस्था और भारत 2047 में विकसित तथा आत्मनिर्भर बनेगा। मुख्यमंत्री ने दावा किया, ”उनकी सरकार ने अपने पिछले साढ़े छह-सात वर्ष के कार्यकाल में लगभग सात लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दीं।

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