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कानपुर में चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग, मां-बाप और तीन बेटियां जिंदा जलीं, मां से लिपटा बेटी का शव देख फफक पड़े लोग

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Kanpur: कानपुर के चमनगंज थाना क्षेत्र के प्रेम नगर में रविवार रात एक चार मंजिला इमारत में लगी भीषण आग ने एक परिवार की जिंदगी को राख में बदल दिया. इस हृदयविदारक हादसे में मां, पिता और उनकी तीन मासूम बेटियां जिंदा जल गईं. मां से लिपटे बेटी के शव को देखकर बचावकर्मी और मौके पर मौजूद लोग फफक-फफक कर रो पड़े. यह त्रासदी न केवल एक परिवार का अंत थी, बल्कि शहर के लिए एक ऐसी चेतावनी बन गई, जो अग्नि सुरक्षा के प्रति लापरवाही की गंभीरता को उजागर करती है.

आग का तांडव और दहशत

रविवार रात करीब 8 बजे प्रेम नगर की एक इमारत की पहली मंजिल पर अचानक आग की लपटें उठीं. इमारत के निचले दो तलों पर जूता-चप्पल बनाने का कारखाना था, जबकि तीसरी और चौथी मंजिल पर परिवार रहता था. बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट से शुरू हुई यह आग कुछ ही मिनटों में विकराल हो गई. कारखाने में रखे केमिकल, घरों में मौजूद गैस सिलेंडर और एयर कंडीशनर के विस्फोट ने आग को और भयावह बना दिया. आग की लपटें और काला धुआं इतना घना था कि आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई. लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और चीख-पुकार के बीच अफरा-तफरी मच गई. 


परिवार की आखिरी कोशिश

जानकारी के अनुसार, आग की सूचना मिलते ही पिता अपनी पत्नी और तीन बेटियों को बचाने के लिए इमारत में दौड़े. उनकी कोशिश थी कि किसी तरह अपने परिवार को सुरक्षित बाहर निकाल लें. लेकिन आग की लपटों और जहरीले धुएं ने उन्हें ऐसा मौका नहीं दिया. पूरा परिवार चौथी मंजिल पर फंस गया, जहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा. यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि उस परिवार ने आखिरी पलों में क्या सहा होगा

बचाव कार्य और मार्मिक दृश्य

स्थानीय लोगों ने तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी. एक-एक कर 20 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. रात 1:30 बजे लखनऊ से SDRF की टीम भी बचाव कार्य में जुट गई. आग की तीव्रता को देखते हुए इमारत के दोनों ओर 500-500 मीटर का इलाका ब्लॉक कर दिया गया. आसपास की इमारतें खाली कराई गईं और बिजली आपूर्ति काट दी गई


फायर फाइटर्स ने तीसरी मंजिल पर फंसे चार लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया. लेकिन चौथी मंजिल पर फंसे परिवार को बचाना संभव नहीं हो सका. सात घंटे के अथक प्रयासों के बाद, रात 3 बजे जब बचावकर्मी शवों को बाहर लाए, तो वहां मौजूद हर शख्स स्तब्ध रह गया. मां और उसकी बेटी का शव एक-दूसरे से लिपटा हुआ था, मानो आखिरी पल में भी मां अपनी बच्ची को बचाने की कोशिश कर रही थी. यह दृश्य इतना मार्मिक था कि कठोर से कठोर दिल भी पिघल गया.

प्रशासनिक कार्रवाई और सवाल

चमनगंज पुलिस और जिला प्रशासन ने तुरंत घटनास्थल का जायजा लिया. आग पर काबू पाने और बचाव कार्यों के लिए सभी संसाधन झोंक दिए गए. प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण माना जा रहा है, लेकिन फॉरेंसिक टीम इसकी गहन जांच कर रही है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या कारखाने में अग्नि सुरक्षा के मानकों का पालन किया गया था? क्या इमारत में आपातकालीन निकास या अग्निशमन उपकरण मौजूद थे? इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिल पाएंगे


मातम में डूबा प्रेम नगर इलाका

इस हादसे ने प्रेम नगर और आसपास के इलाकों को मातम में डुबो दिया है. स्थानीय लोग, रिश्तेदार और पड़ोसी घटनास्थल पर जमा हैं, लेकिन कोई भी इस दुख को बयां करने की स्थिति में नहीं है. एक परिवार, जो शायद कुछ घंटे पहले हंसी-खुशी अपने घर में था, अब केवल यादों में रह गया.

अग्नि सुरक्षा पर चेतावनी

यह त्रासदी एक बार फिर औद्योगिक और आवासीय इमारतों में अग्नि सुरक्षा की अनदेखी को उजागर करती है. प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पहले से कदम नहीं उठाए जा सकते? इस हादसे ने न केवल कानपुर, बल्कि पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सुरक्षा मानकों को लागू करने में और कितनी देरी होगी

प्रशासन ने आसपास के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त टीमें तैनात की हैं. लेकिन इस परिवार की जगह अब कोई नहीं ले सकता. उनकी यादें और यह त्रासदी लंबे समय तक लोगों के जेहन में रहेगी.

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