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डीएलएड परीक्षा का सॉल्व पेपर सोशल मीडिया पर बेच रहे थे दो भाई, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

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Aligrah: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने डीएलएड (Diploma in Elementary Education) परीक्षा अक्टूबर 2025 के प्रश्नपत्र लीक मामले का पर्दाफाश करते हुए दो सदस्यों के एक संगठित गिरोह को बेनकाब किया है। इस गिरोह को चलाने वाले दो भाई प्रीतिसिंह और धर्मेन्द्र सिंह को अलीगढ़ से रविवार देर रात गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से 2 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 1 ATM कार्ड, 1 पासबुक, 3 आधार कार्ड, 201 पेज का डिजिटल साक्ष्य (डीएलएड परीक्षा प्रश्नपत्र से संबंधित बरामद हुआ है।

सोशल मीडिया से लीक हुए थे प्रश्नपत्र
एसटीएफ को 3 नवंबर को सूचना मिली थी कि टेलीग्राम और व्हाट्सऐप के माध्यम से डीएलएड परीक्षा के प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के प्रश्नपत्र यूपीपीएससी के ऑनलाइन पोर्टल से पहले ही लीक किए जा रहे हैं। इस पर एसटीएफ मुख्यालय ने अलीगढ़ टीम को अलर्ट किया । जांच में पुष्टि हुई कि सोशल मीडिया समूहों के जरिए उम्मीदवारों को पैसे लेकर प्रश्नपत्र पहले से मुहैया कराए जा रहे थे।

कैसे हुआ खुलासा?
एसटीएफ टीम ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों और फील्ड इनपुट के आधार पर जानकारी एकत्र की। इस दौरान यह पाया गया कि गिरोह के कुछ सदस्य परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्र और उत्तर सोशल मीडिया पर साझा कर रहे थे। 3 नवंबर की रात 11:30 बजे बिसरख क्षेत्र के इटौरा-मथुरा रोड पर एसटीएफ ने दबिश दी और दोनों आरोपितों को मौके से गिरफ्तार कर लिया।

कैसे करते थे पेपर लीक
पूछताछ में आरोपी प्रीतिसिंह ने बताया कि वह पिछले वर्ष डीएलएड कर चुका है जबकि उसका भाई धर्मेन्द्र निजी विद्यालय में शिक्षक है। कुछ दिन पहले उनकी मुलाकात सुरेश कुमार नामक व्यक्ति से सोशल मीडिया पर हुई थी। सुरेश ने उन्हें बताया कि वह डीएलएड अक्टूबर 2025 परीक्षा के प्रश्नपत्र पहले से उपलब्ध करा सकता है। इसके बाद उन्होंने 26 अक्टूबर को सोशल मीडिया ग्रुप्स में विज्ञापन डाला कि जो अभ्यर्थी परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र और उत्तर पाना चाहता है, वह ₹3500 देकर पेपर प्राप्त कर सकता है। उन्होंने अभ्यर्थियों से पेमेंट UPI (nxg55krishna@axl) के माध्यम से लिया। फिर प्रश्नपत्र को परीक्षा शुरू होने से लगभग 30 मिनट पहले टेलीग्राम ग्रुप में डाल दिया गया। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इससे पहले भी कई अभ्यर्थियों को इसी माध्यम से प्रश्नपत्र बेचे गए थे, जिससे उन्हें लाखों रुपये की अवैध कमाई हुई।

बिसरख थाने में दर्ज हुआ मामला
एसटीएफ ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। फिलहाल दोनों आरोपियों के खिलाफ थाना बिसरख केस दर्ज किया गया है। एसटीएफ के अनुसार, “डीएलएड परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रमों की साख से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सोशल मीडिया के माध्यम से परीक्षा में धांधली करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।”

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