उम्र कैद की सजा काट रहे बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया 25 जुलाई को सेंट्रल जेल से सुबह 7:30 बजे रिहा हुए। उनकी रिहाई यूपी सरकार की सिफारिश पर गवर्नर द्वारा बाकी सजा को माफ कर दिए जाने की वजह से हुई है। पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की रिहाई पर समर्थकों और कार्यकर्ताओं में काफी जोश देखने को मिला। समर्थकों ने माला पहनाकर और फूलों से पूर्व विधायक का स्वागत किया। साथ ही रिहाई के समय पूर्व विधायक नीलम करवरिया और परिवार के बाकी लोग भी मौजूद रहे।

योगी सरकार की सिफारिश के बाद मिली रिहाई

योगी सरकार की सिफारिश पर गवर्नर ने उदयभान करवरिया की उम्र कैद की बाकी सजा को 19 जुलाई को माफ कर दिया था। इसके बाद पूर्व विधायक की किसी अन्य मामले में कस्टडी नहीं होने की रिपोर्ट भेजी गई थी। कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आज सुबह उदयभान को जेल से रिहा कर दिया गया। उदयभान करवरिया भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी के बेहद करीबी माने जाते हैं।

विधायक की रिहाई पर सपा ने जताया ऐतराज

इस रिहाई पर विवाद खड़ा हो गया है। मौत के घाट उतारे गए पूर्व विधायक जवाहर पंडित के परिवार वालों और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। परिजनों और विपक्षी नेताओं का कहना है कि योगी सरकार एक तरफ कानून व्यवस्था की दुहाई देती है और दूसरी तरफ विधायक की हत्या के दोषी बीजेपी नेता को कोर्ट के आदेश के बावजूद जेल से रिहा कराने का काम करती है। उम्र कैद की सजा काट रहा मुलजिम बीजेपी का नेता और पूर्व विधायक है, इसलिए उसकी सजा माफ कराई गई है।

2002 और 2007 में चुने गए थे विधायक

उदयभान करवरिया 2002 और 2007 में प्रयागराज की बारा सीट से बीजेपी का टिकट पर विधायक चुने गए थे। उनकी पत्नी उदयभान करवरिया 2017 में बीजेपी के टिकट पर मेजा सीट से विधायक निर्वाचित हुई थी। समाजवादी पार्टी के विधायक रहे जवाहर पंडित मर्डर केस में उदयभान के बड़े भाई पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया, छोटे भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया समेत परिवार के कई अन्य लोग अब भी जेल में है। सपा विधायक के मर्डर केस में राजस्थान के मौजूदा गवर्नर कलराज मिश्र ने भी उदयभान करवरिया के बचाव में गवाही दी थी।

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