जौनपुर लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गाधी और मैं उसी पार्टी से मैने राजनीति की शुरुआत की थी। लेकिन आर्टिकल 370 हटने पर पहला कांग्रेसी नेता था, जिसने मैंने एक महीने तक इंतजार किया और लगातार सोनिया गांधी जी को पत्र लिखता रहा है और कहा की 370 का विरोध बंद करिए और माफी मांगिए। लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई और जिसके कारण मुझे पार्टी छोड़नी पड़ी।

ओबीसी प्रधानमंत्री होने पर कांग्रेस को दिक्कत
कृपा शंकर सिंह जातीय राजनीति पर हमला बोलते कहा कि क्या देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू कभी जाति की बात कही थी। इंदिरा जी ने नारा दिया था जात पर न पात पर मुहर लगाओ हाथ पर। तब जाति नहीं थी। लगातार इंदिरा गांधी देश की सत्ता पर शासन किया था और पहली बार 2014 में जब ओबीसी जाति का एक प्रधानमंत्री बना तब जा कर विरोध हो रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व संसद मे जब अनुराग ठाकुर ने नेता प्रतिपक्ष ने जब राहुल गांधी से पूछा की आप की जाति क्या है. तब राहुल गांधी सोनिया जी के पास गए और रोने लगे, कहा-मम्मी बचाओ लोग मेरी जाति पूछ रहे हैं। अरे भाई आप नेता प्रतिपक्ष हैं, देश में क्या हो रहा है ये सोचना चाहिए।

भारत किसी के विरुद्ध नहीं जाता
जाति की बात करने वाले लोग जो पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना मोदी सरकार में हुई है। कृपा शंकर सिंह ने कहा कि विश्व में एक ऐसा देश भारत है जो कभी किसी के विरुद्ध नहीं जाता है शांति स्थापित करना चाहते चाहता है। प्रधानमंत्री को जब युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों को यूक्रेन से लाना था तब रसिया के राष्ट्रपति पुतिन से बात करके एक दिन युद्ध रोकने की बात की। इसके बाद छात्रों को यूक्रेन से लाया गया। इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने भी अपने छात्रों को यूक्रेन से ले आए।

अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था देश पहले और बाद में पार्टी
अपनी यादों को ताजा करते हुए कृपा शंकर सिंह ने कहा जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई जी थे और  तब नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी थी। तब नेशनल इंटीग्रेशन कार्यक्रम में शामिल होने मैं भी संजोग से पहुंचा हुआ था। इस कार्यक्रम में अटल जी ने कहा था कि मैं देश का प्रधानमंत्री हूं और भारतीय जनता पार्टी का नेता हूं। मेरे लिए सबसे पहले राष्ट्र है और पार्टी बाद में है। यहां सोनिया जी बैठी है उनके लिए भी पहले देश और बाद में पार्टी होनी चाहिए। यहां एक निष्पक्ष नेता है और जिसका नाम चंद्रशेखर है।

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