स्पोर्ट्स सिटी मामला: बिल्डरों और प्राधिकरण के अधिकारियों पर FIR दर्ज, CBI ने शुरू की जांच
- Nownoida editor1
- 21 Mar, 2025
Noida: स्पोर्ट्स सिटी मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर दिया है। सीबीआई ने बिल्डरों और प्राधिकरण के अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दे दिये हैं। बिल्डरों पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर हजारों करोड़ रुपये का गड़बड़झाला किया है। इसमें प्राधिकरण के कई अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका है। बिल्डरों और प्राधिकरण के इस खेल में हजारों घर खरीददार फंसे हुए हैं।
इन पर हुई है कार्रवाई
पिछले कई दिनों ने स्पोर्ट्स सिटी का मुद्दा गर्म है। परत दर परत सीबीआई की जांच जैसे आगे बढ़ रही है, इसमें कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। बीते सोमवार को सेक्टर-150 एससी- दो परियोजना के मामले में लोट्स ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. के निर्मल सिंह, विदुर भारद्वाज, सुरप्रीत सिंह सुरी, नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों समेत कई लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई गई।
घपलेबाजी में 7 बिल्डरों का साथ
सेक्टर-105 के एससी-दो परियोजना में सात बिल्डरों के संघ ने जमीन के लिए आवेदन किया था। इसमें अगर सबसे बड़ी कंपनी की बात करें तो वो है लोट्स ग्रीन्स, थ्रीसी इंफ्रास्ट्रक्चर, थ्रीसी बिल्डकॉन, थ्रीसी क्रेस्ट प्रमोटर्स और अल्यूर डेवेलेपर्स शामिल थे। इसमें लोट्स ग्रीन्स को 19,400 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की रेट से 2324 करोड़ रुपये में जमीन आवंटित की गई थी। इसके बाद संघ के अलावा 10 कंपनियों के नाम से जमीन की लीज डीडी हुई थी। साल 2017 में इस जमीन के 24 टुकड़े कर दिए गये और मैप का अप्रुवल हुआ। इसी में अधिकारियों के साथ मिलकर बिल्डरों ने कई बड़े खेल और घपले किये। आरोप है कि मानकों को ताक पर रखकर बिल्डरों को अप्रुवल दिया गया। इसमें कई अधिकारियों के नाम सामने आए हैं।
बिल्डरों को नोटिस भेजेगा प्राधिकरण
स्पोट्स सिटी मामले में 24 बिल्डरों को नोएडा प्राधिकरण पहले ही नोटिस जारी कर चुकी है। अब अन्य बिल्डरों को भी बकाए की नोटिस जारी की जाएगी। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्राधिकरण ने 31 मार्च 2025 तक गणना कराने के साथ-साथ बिल्डरों को बकाया चुकाने का नोटिस जारी करना शुरू किया है। ऐसे बिल्डरों के लिए कोर्ट ने एक महीने में प्राधिकरण से वसूली करने के आदेश दिये हैं। नोएडा की चार परियोजनाओं में 84 बिल्डर प्राधिकरण की रडार पर हैं। इन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये का बकाया है।
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