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Sambhal में नहीं थम रहा मेले में रोक को लेकर विवाद, अब सांसद ने कर दी ये बड़ी डिमांड !

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संभल में नेजा मेले पर रोक के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने एक अधिकारी पर सूफी संत सैयद सालार मसूद गाजी को लेकर अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस अधिकारी को बर्खास्त किया जाए।

संत या लुटेरा? बयानबाजी पर बढ़ा विवाद

समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर सैयद सालार मसूद गाजी को एक महान सूफी संत बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक अधिकारी ने गाजी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है। बर्क ने कहा कि यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है और सरकार को ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने सवाल उठाया कि संविधान की शपथ लेने वाले अधिकारी कैसे किसी की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं। उन्होंने डीजीपी और सरकार से अपील की कि इस तरह की बयानबाजी करने वालों पर तुरंत लगाम लगाई जाए।

नेजा मेले की परंपरा और सांप्रदायिक सौहार्द

सैयद सालार मसूद गाजी को लेकर इतिहास में कई मतभेद रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें एक सूफी संत मानते हैं, जिनकी दरगाह बहराइच में स्थित है और जहां हर साल भव्य मेले का आयोजन होता है। हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में उनके प्रति श्रद्धा जताई जाती है।

सांसद बर्क का कहना है कि नेजा मेला सैकड़ों वर्षों से हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है और इसे रोकना पूरी तरह से अनुचित है। उनका कहना है कि सैयद सालार मसूद गाजी को सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण से जोड़कर गलत प्रचार किया जा रहा है। जब यह हमला हुआ, तब वे मात्र 11 वर्ष के थे, इसलिए इसमें उनकी संलिप्तता की बात बेबुनियाद है।

अधिकारी की टिप्पणी पर कड़ी नाराजगी

बर्क ने कहा कि अधिकारी ने बिना किसी ऐतिहासिक प्रमाण के गाजी के बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल किया है, जो समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी की इस हरकत से न केवल धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं बल्कि इससे सांप्रदायिक सद्भाव को भी नुकसान पहुंचा है।

राजनीतिक रंग लेता विवाद

संभल में नेजा मेले पर रोक और इस विवादित बयानबाजी के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता इसे धार्मिक आस्था का अपमान बता रहे हैं, जबकि प्रशासन इस फैसले को कानून-व्यवस्था से जोड़कर देख रहा है।

सांसद बर्क ने साफ कहा कि सरकार को ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जो धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने नेजा मेले की परंपरा को जारी रखने की मांग की और इसे रोकने को अनैतिक करार दिया।

संभल में इस मुद्दे को लेकर माहौल गरमाता जा रहा है, और अब देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद को शांत करने के लिए क्या कदम उठाता है।

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