Kashi में बनेगा भव्य राम जानकी मंदिर, सीएम योगी ने किया भूमि पूजन

- Rishabh Chhabra
- 04 Apr, 2025
काशी में श्रीराम जानकी मंदिर को भव्य रूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खोजवां के कश्मीरीगंज स्थित रामानंदाचार्य संप्रदाय के इस ऐतिहासिक मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए भूमि पूजन किया. यह मंदिर 700 साल पुराना है और गोस्वामी तुलसीदास के गुरू नरहरि दास समेत कई संतों के अध्ययन व साधना का केंद्र रहा है.
1669 में टूटा, 1700 में फिर हुआ निर्माण
साल 1669 में मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर काशी के कई मंदिरों को तोड़ा गया, जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ यह श्रीराम जानकी मंदिर भी शामिल था. आक्रांताओं ने इसे तोड़कर मस्जिद बनाने की कोशिश की, लेकिन काशीवासियों के प्रतिरोध के कारण वे सफल नहीं हो सके. इस दौरान मंदिर की कई मूर्तियां खंडित हो गईं, लेकिन लक्ष्मी नारायण जी की मूर्ति सुरक्षित बच गई. इसके बाद संत सियाराम दास ने 1700 में मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया, और तब से यह मंदिर सनातन धर्म के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है.
योगी आदित्यनाथ ने किया श्रीराम मंदिर आंदोलन का जिक्र
भूमि पूजन के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम मंदिर आंदोलन के बलिदान और संतों की तपस्या के कारण ही अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण संभव हुआ. उन्होंने काशी के लोगों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यहां के नागरिकों ने दृढ़ निश्चय वाला प्रतिनिधि चुनकर भेजा, जिससे यह कार्य सफल हो पाया.
अयोध्या की तर्ज पर बनेगा मंदिर, होगी आधुनिक सुविधाएं
मंदिर के आर्किटेक्ट सुमित त्रिपाठी ने बताया कि करीब 8,000 स्क्वायर फीट में बनने वाला यह मंदिर अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर होगा. इसमें परंपरागत शिखर, मंडप और कलश जैसी ऐतिहासिक विशेषताओं के साथ आधुनिकता का समावेश भी किया जाएगा.
मंदिर परिसर में होगी ये सुविधाएं
एक विशाल हॉल, जहां धार्मिक आयोजन होंगे.
गुरुकुल, जहां विद्यार्थियों को वेद और शास्त्रों की शिक्षा दी जाएगी.
संतों के लिए आश्रम, जहां वे ठहर सकेंगे.
ध्यान और योग केंद्र, जिससे आध्यात्मिक शांति प्राप्त की जा सके.
तीन साल में पूरा होगा निर्माण कार्य
सीएम योगी ने बताया कि इस भव्य मंदिर के निर्माण का नेतृत्व रामानंदाचार्य परंपरा के 26वें पीठ प्रमुख श्री कमलाचार्य जी करेंगे. भूमि पूजन के साथ ही निर्माण कार्य शुरू हो गया है और करीब तीन साल में यह भव्य मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए तैयार हो जाएगा.
इतिहास के गौरव को किया याद
सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग 40-50 साल के इतिहास पर गर्व करते हैं, लेकिन यह मंदिर 700 साल की सनातन परंपरा का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि यह वही स्थान है, जहां गोस्वामी तुलसीदास समेत कई संतों ने साधना की थी.
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