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Mathura: हजार की दिहाड़ी वाले किसान की करोड़ों की देनदारी, इनकम टैक्स विभाग का गजब कारनामा, पढ़ें

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मथुरा, उत्तर प्रदेश। श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा के एक छोटे किसान को आयकर विभाग ने 30 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेज दिया है। 2 बीघा जमीन पर खेती करने वाले इस किसान की दुनिया तब उजड़ गई जब उसके हाथ में इतना बड़ा नोटिस आया। सौरभ कुमार नामक यह किसान अब आयकर दफ्तर और पुलिस थाने के चक्कर लगाते-लगाते थक चुका है। लापरवाही और फर्जीवाड़े की इस कहानी ने प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

फिर आया करोड़ों का झटका

मथुरा के औरंगाबाद इलाके में रहने वाले सौरभ कुमार को हाल ही में इनकम टैक्स विभाग की ओर से 30 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है। सौरभ बताते हैं कि उनके पास केवल 2 बीघा कृषि भूमि है और वे किसी भी तरह की बड़ी वित्तीय लेन-देन में शामिल नहीं हैं। ऐसे में इतना बड़ा टैक्स नोटिस मिलना उनके लिए किसी आकाशीय वज्रपात से कम नहीं।

सौरभ ने बताया, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिर मेरे नाम पर यह नोटिस कैसे आ गया। पहले भी ऐसा हुआ था, लेकिन अब फिर से वही स्थिति आ गई है। अब तो मेरी तबीयत तक बिगड़ गई है।"

2022 में भी मिल चुका है ऐसा नोटिस

सौरभ कुमार का यह पहला अनुभव नहीं है। साल 2022 में भी उन्हें 14 करोड़ रुपये का नोटिस मिला था। उन्होंने उस वक्त लिखित में जवाब देकर मामला निपटा दिया था। लेकिन इस बार मामला और गंभीर है क्योंकि यह राशि 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

सौरभ के अनुसार, जब उन्होंने इस नोटिस की पड़ताल की तो सामने आया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके पैन कार्ड का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये का लोन लिया है। उन्होंने कहा, “मेरे पैन कार्ड पर किसी और ने लोन ले रखा है, और मुझे इसकी भनक तक नहीं। अब आयकर विभाग मुझसे वसूली कर रहा है।"

प्रशासन की चूक या फर्जीवाड़ा?

यह मामला प्रशासनिक लापरवाही की गवाही देता है। सवाल यह उठता है कि जब भी कोई बैंक लोन या वित्तीय लेन-देन होता है तो क्या दस्तावेजों की ठीक से जांच नहीं की जाती? आखिर एक गरीब किसान के पैन कार्ड का दुरुपयोग कैसे हो गया, और किसी ने उस पर करोड़ों का लोन कैसे ले लिया?

सौरभ कहते हैं, “जब मैंने अधिकारियों से पूछा कि मेरे दस्तावेजों पर इतना बड़ा लोन कैसे मिला, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। अब मैं अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहा हूं।"

पुलिस में की शिकायत, फिर भी समाधान नहीं

सौरभ ने संबंधित थाने में भी शिकायत दी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वे लगातार दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन कहीं से राहत नहीं मिली।

उन्होंने कहा, “मैंने पुलिस से लेकर आयकर विभाग तक सभी जगह गुहार लगाई है। मैं एक छोटा किसान हूं, और इतनी बड़ी रकम मेरे लिए सोचने लायक भी नहीं है। मेरी मांग है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और मुझे इस झूठे मामले से छुटकारा मिले।"

फर्जीवाड़ों का शिकार हो रहे सामान्य नागरिक

यह घटना केवल सौरभ कुमार की नहीं है, बल्कि देशभर में अनेक गरीब और सामान्य नागरिक ऐसे फर्जीवाड़ों का शिकार हो रहे हैं। अगर जल्द ही प्रशासन और सरकार ने सतर्कता नहीं दिखाई, तो ऐसे मामलों की संख्या और भी बढ़ सकती है। साथ ही, यह घटनाएं यह भी दर्शाती हैं कि डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा और जांच की प्रणाली में कितनी खामियां हैं।

फिलहाल, एक गरीब किसान न्याय की आस लगाए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है—क्या कोई सुनवाई होगी? यही सबसे बड़ा सवाल है।

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