Bareilly में शिक्षा के मंदिर में पढ़ी नमाज, अब योगी सरकार करेगी हेड मास्टर का 'इलाज'

- Rishabh Chhabra
- 17 Apr, 2025
बरेली (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के आंवला थाना क्षेत्र स्थित ग्राम रसूला के एक प्राथमिक विद्यालय से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। इस वायरल वीडियो में स्कूल के प्रिंसिपल को कक्षा के भीतर नमाज अदा करते हुए देखा जा सकता है। जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, हिंदू संगठनों सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे “शिक्षा के मंदिर” में अनुशासनहीनता करार देते हुए कार्रवाई की मांग उठाई।
रोज पढ़ते हैं नमाज, छात्रों का दावा
स्कूल के कुछ छात्रों ने दावा किया है कि यह कोई एक बार की घटना नहीं है। उनके मुताबिक, प्रिंसिपल स्कूल टाइम के दौरान नियमित रूप से कक्षा में नमाज पढ़ते हैं। छात्रों का कहना है कि इस दौरान कक्षा का माहौल प्रभावित होता है और पढ़ाई बाधित होती है। बच्चों ने यह भी कहा कि कभी-कभी उन्हें कक्षा से बाहर निकाल दिया जाता है ताकि प्रिंसिपल नमाज पढ़ सकें।
हिंदू संगठनों का आक्रोश
हिंदू युवा नेता हिमांशु पटेल ने इस वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने लिखा, “शिक्षा के मंदिर में इस तरह की धार्मिक गतिविधियां न केवल अनुचित हैं, बल्कि यह बच्चों की सोच पर भी गलत प्रभाव डाल सकती हैं। अगर कोई हिंदू शिक्षक स्कूल में यज्ञ करे तो उस पर कार्रवाई होती है, लेकिन इस पर प्रशासन चुप क्यों है?” उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों को धर्मनिरपेक्ष स्थान माना जाता है, जहां इस तरह की गतिविधियां मर्यादा के खिलाफ हैं।
प्रशासन की कार्रवाई शुरू
मामले की जानकारी मिलते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी, स्थानीय पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने विद्यालय का दौरा किया और स्थिति का जायज़ा लिया। अधिकारियों ने स्कूल स्टाफ और कुछ छात्रों से पूछताछ की है। वीडियो की सत्यता की जांच भी की जा रही है। फिलहाल प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
गांव में दो फाड़
इस घटना को लेकर ग्राम रसूला के लोग दो पक्षों में बंट गए हैं। एक ओर, कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता का मामला बताते हुए प्रिंसिपल के समर्थन में आ गए हैं। उनका कहना है कि हर व्यक्ति को अपने धर्म के पालन का अधिकार है और अगर कोई शांतिपूर्वक नमाज पढ़ता है, तो इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए। दूसरी ओर, कई लोग इसे अनुशासनहीनता करार दे रहे हैं और कह रहे हैं कि स्कूल का माहौल पूरी तरह शिक्षा के अनुकूल रहना चाहिए, न कि किसी धर्म विशेष की गतिविधियों से प्रभावित।
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