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Nepal सीमा पर 'योगी का बुलडोजर': अवैध कब्जों और मदरसों पर 'सख्त प्रहार'!

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध कब्जों और बिना मान्यता के चल रहे धार्मिक संस्थानों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है. 25 से 27 अप्रैल के बीच चलाए गए विशेष अभियान में विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाए गए हैं. इन क्षेत्रों की बहुमूल्य भूमि पर लंबे समय से अवैध कब्जे थे, जिन्हें अब सरकार मुक्त कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है.

बहराइच में 89 अवैध कब्जे मुक्त, श्रावस्ती में 17 मदरसे बंद

जनपद बहराइच की तहसील नानपारा में भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के 0 से 10 किलोमीटर के दायरे में सरकारी भूमि पर 227 अवैध कब्जे चिन्हित किए गए थे. इनमें से पहले हटाए गए 63 कब्जों के बाद, 25-27 अप्रैल के बीच 26 और अतिक्रमण हटाए गए. इस प्रकार, अब तक कुल 89 अवैध कब्जेदारों से सरकारी भूमि को मुक्त कराया जा चुका है. राहत की बात यह है कि किसी भी अतिक्रमित स्थल पर धार्मिक या शैक्षणिक संरचना नहीं पाई गई. वहीं, जनपद श्रावस्ती में बिना मान्यता के संचालित 17 मदरसों पर कार्रवाई की गई है. तहसील जमुनहा में 7 और तहसील भिनगा में 10 मदरसों को वैध कागजात न होने के कारण बंद करवा दिया गया. इसके अतिरिक्त, भारत-नेपाल सीमा से सटे 0-15 किलोमीटर के दायरे में अस्थाई और स्थाई अवैध कब्जों के 119 मामलों में राजस्व संहिता की धारा-67 के तहत कार्रवाई जारी है.

सिद्धार्थनगर और महाराजगंज में भी अवैध निर्माणों पर शिकंजा

सिद्धार्थनगर जिले की नौगढ़ तहसील में नेपाल सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर 5 स्थानों पर अवैध अतिक्रमण में मस्जिद और मदरसे के निर्माण की पुष्टि हुई है. वर्तमान में, उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच और कार्रवाई जारी है. वहीं, शोहरतगढ़ तहसील में 6 स्थानों पर अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं. महाराजगंज जिले में फरेंदा, नौतनवा और निचलौल तहसीलों में भी क्रमशः 3, 10 और 6 स्थानों पर सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण पाया गया है. एक मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जबकि शेष सभी मामलों में धारा 67 (1) के तहत बेदखली या अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी है.

बलरामपुर में भी अवैध कब्जे चिन्हित, सरकार का सख्त संदेश

बलरामपुर जिले में भी सरकारी भूमि पर कुल 7 अवैध कब्जे चिन्हित किए गए हैं. इनमें से बलरामपुर तहसील में 5 और तुलसीपुर तहसील में 2 अवैध कब्जे शामिल हैं. इनमें से 2 अवैध कब्जेदारों ने शासन द्वारा चिन्हित किए जाने के बाद स्वेच्छा से कब्जा हटा लिया, जबकि शेष पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 67 के अंतर्गत बेदखली की कार्रवाई की जा रही है. योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि नेपाल सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे, धार्मिक या शैक्षणिक संस्थानों के अवैध संचालन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि चिन्हित अतिक्रमणों को शीघ्रता से हटाया जाए और नियमित निगरानी की जाए.

सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सरकार का जोर

योगी सरकार का यह अभियान न केवल अवैध कब्जों को हटाने पर केंद्रित है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से भी चलाया जा रहा है. बिना मान्यता के चल रहे धार्मिक और शैक्षणिक संस्थान अक्सर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता का विषय रहे हैं, क्योंकि इनका उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है. सरकार की इस कार्रवाई से सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी.

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