Neem Karoli Baba: किस बात से नाराज थे नीम करौली बाबा, प्रधानमंत्री से मिलने से किया था इंकार, जानिए क्या थी वजह

- Rishabh Chhabra
- 14 Jun, 2025
नीम करोली बाबा को चमत्कारी के नाम से भी जाना जाता है। बाबा से जुड़े कई किस्से हैं जो आज भी चौंका देते हैं, और विश्वास करने पर मजबूर करती हैं।
ऐसा ही एक दिलचस्प किस्सा है देश के प्रधानमंत्री और नीम करोली बाबा जिसे बहुत कम लोग जानते है। तो जानिए, क्या हुआ था जब बाबा ने देश के प्रधानमंत्री से मिलने से मना कर दिया था।
नीम करौली बाबा जिनको भक्त चमत्कारी संत मानते हैं। उनका जीवन सादगी, श्रद्धा और आस्था से भरा था। कहा जाता है कि बाबा को हनुमान जी का साक्षात आशीर्वाद प्राप्त था और वे अपने भक्तों की पीड़ा को हरने में समर्थ थे। आज भी उनके चमत्कारी किस्से भक्तों की जुबान पर हैं।
उनके ब्रह्मलीन होने के इतने सालों बाद भी उनके भक्त उनके प्रति अटूट आस्था और विश्वास रखते हैं। नीम करोली बाबा के अद्भुत किस्तों में से एक किस्सा ऐसा भी है, जब उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री को मिलने से मना कर दिया था। नीम करोली बाबा किसी में फर्क नहीं करते थे। मन में विश्वास, श्रद्धा और आस्था ही वह रास्ता था जिसके सहारे भक्त उन से मिल सकते थे। नीम करोली बाबा के बारे में माना जाता है कि उनके भक्तों और उनके बीच में कोई दीवार नहीं थी। उनके दरबार हर किसी के लिए खुला था लेकिन वहां तक पहुंचना किस्मत वालों को ही नसीब होता था।
एक बार की बात है नीम करोली बाबा अपने कानपुर प्रवास पर थे, और सरसैया घाट पर अपने लगभग 200 भक्तों के साथ बैठे थे। उसी समय वहां के डीएसपी कुछ सिपाहियों के साथ पहुंचे और उन्होंने निवेदन किया कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और गुलजारीलाल नंदा बाबा से मिलना चाहते हैं।
बाबा ने साफ-साफ मना कर दिया और कहा कि वो किसी खास व्यक्ति से मिलने की जरूरत नहीं समझते। बाबा के मना करने के बावजूद भी पुलिसकर्मी प्रधानमंत्री की अहमियत समझते हुए उन्हें आश्रम में ले आए। लेकिन देखते ही देखते बाबा एक प्रकाश में विलीन हो गए।वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। प्रधानमंत्री और गुलजारीलाल नंदा कुछ देर रुके, लेकिन जब बाबा नहीं लौटे, तो वे वापस चले गए।
प्रधानमंत्री के जाने के कुछ देर बाद बाबा फिर से प्रकट हुए। भक्तों ने बाबा से पूछा कि बाबा आपने देश के प्रधानमंत्री से मुलाकात क्यों नहीं की? बाबा बोले की जब मैं किसी खास और आम भक्ति में फर्क नहीं करता तो उन्हें भी खास बात बनकर मेरे पास नहीं आना चाहिए था, उन्होंने मेरे और भक्त के बीच में पुलिस की दीवार खड़ी कर दी, इसलिए मैंने उनसे मुलाकात नहीं की। अगर वह आम व्यक्ति बनकर मुझसे मुलाकात करते तो मैं उनसे जरूर मिलता। इस किस्से के जरिए बाबा नीम करोली भक्तों को यह बताना चाहते थे कि कभी भी भक्त और भगवान के बीच दीवार नहीं आनी चाहिए। भक्त जो भी कहना चाहता है, वह भगवान के समक्ष सच्चे मन से कह दें तो उसकी मांगी हुई हर बात अराध्य जरूर पूरी करते हैं।
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