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Delhi: निवेश का सपना, ठगी का जाल, एक महीने में 10 करोड़ की लूट!

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दिल्ली में सोशल मीडिया के जरिए एक बहुत बड़ा ठगी का मामला सामने आया है। इस पूरे खेल में आम लोगों को स्टॉक मार्केट में निवेश के नाम पर फंसाया गया और देखते ही देखते 1 महीने के अंदर 10 करोड़ रुपये से ज़्यादा की ठगी को अंजाम दे दिया गया। पुलिस ने इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) से दो युवकों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक शशि प्रताप सिंह (28), जो कि बीबीए ग्रेजुएट है, जबकि दूसरा निहाल पांडे (27) है, जिसके पास एमसीए की डिग्री है।

कैसे हुआ मामले का खुलासा?
ये पूरा मामला तब सामने आया जब सचिन कुमार तोमर नाम का एक शख्स पुलिस के पास पहुंचा। उसने पुलिस को बताया कि सोशल मीडिया पर साक्षी यादव नाम की एक महिला से उसकी बात हुई, जिसने उसे ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश करने का लालच दिया। महिला ने दावा किया कि यह ग्रुप उसके चाचा और राकेश नामक व्यक्ति द्वारा चलाया जाता है। धीरे-धीरे तोमर को मुनाफे का झांसा देकर करीब 8.15 लाख रुपये जमा करवा लिए गए।

शुरुआत में तो उसे मुनाफा दिखाया गया, लेकिन जैसे ही उसने पैसे निकालने की कोशिश की, उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया। तब जाकर पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और पुलिस से शिकायत की गई।

शशि ने कड़ी पूछताछ के बाद कबूला जुर्म

पुलिस जांच में सामने आया कि तोमर के रुपयों में से करीब 5.75 लाख रुपये एक निजी बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे, जो शशि प्रताप और उसके पिता के नाम पर संयुक्त रूप से था। पूछताछ में पिता ने इस लेन-देन की जानकारी होने से इनकार किया, लेकिन शशि ने बाद में अपना जुर्म कबूल कर लिया।

नेपाल तक फैले गिरोह के तार 

इस पूरे गिरोह की गतिविधियां सिर्फ भारत में ही नहीं, नेपाल तक फैली हुई थीं। पुलिस ने बताया कि निहाल, शशि को नेपाल लेकर गया था जहां वे एक होटल में तीन अन्य लोगों के साथ रुके और वहां सिम कार्ड और बैंकिंग से जुड़ी जानकारी एक शख्स को सौंप दी गई। इसके बदले शशि को हर लेन-देन पर 1.5% कमीशन और नकद में 8-10 हजार रुपये दिए गए थे।

"फाइनेंशियल एक्सपर्ट" बनकर लोगों को करते थे अप्रोच

ये गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सऐप और टेलीग्राम पर सक्रिय था। वे लोगों को "फाइनेंशियल एक्सपर्ट" बनकर अप्रोच करते थे और स्टॉक में भारी रिटर्न दिलाने का झांसा देते थे। विश्वास दिलाने के लिए पहले छोटे मुनाफे दिखाए जाते थे। जैसे ही व्यक्ति बड़ा निवेश करता, उसका अकाउंट फ्रीज कर दिया जाता या उसे ब्लॉक कर दिया जाता था।

अनजान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में निवेश से पहले करें जांच-पड़ताल 

अगर कोई सोशल मीडिया पर आपसे अनजान लोग ट्रेडिंग में निवेश का सुझाव दें, और आपको किसी व्हाट्सऐप ग्रुप या ऐप पर जोड़ें, तो सतर्क हो जाइए। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह लोगों से नकद प्रोत्साहन देकर बैंक खाते और सिम कार्ड हासिल करता था ताकि इनका इस्तेमाल ठगी में किया जा सके।

पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निवेश करने से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल करें। जल्दी मुनाफे के लालच में न आएं, और किसी अजनबी को अपने बैंक डिटेल्स न दें।

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