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Greater Noida: सपना दिखाया, कब्जा नहीं दिया, 16 साल बाद उपभोक्ता को मिला इंसाफ

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सोचिए, अगर आप अपनी जिंदगी की कमाई लगाकर एक प्लॉट खरीदें, घर बसाने का सपना देखें… लेकिन सालों बीत जाएं और न आपको प्लॉट मिले, न पैसे वापस। कुछ ऐसा ही हुआ है गाजियाबाद के लोनी में रहने वाले रविंद्र सिंह के साथ लेकिन आखिरकार अब उन्हें इंसाफ मिल गया है।


2008 में खरीदे गए प्लॉट पर सालों बाद भी नहीं मिला कब्जा


दरअसल ग्रेटर नोएडा की एक हाउसिंग स्कीम में रविंद्र सिंह ने 2008 में एक 200 गज का प्लॉट 11.50 लाख रुपये में खरीदा था। उन्होंने ये रकम बिल्डर को दे दी थी। तय हुआ था कि कब्जा देने और रजिस्ट्री के समय बचे हुए 60 हजार रुपये और दे दिए जाएंगे। लेकिन कई साल बीत गए, ना तो प्लॉट का कब्जा मिला, ना ही पैसे वापस। जब बार-बार कहने पर भी बिल्डर ने कोई जवाब नहीं दिया, तो रविंद्र सिंह ने जिला उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने ईमानदारी से भुगतान किया लेकिन बिल्डर ने भरोसा तोड़ दिया।


बिल्डर ने किया था ये दावा


इस मामले की सुनवाई के दौरान सामिहा इंटरनेशनल बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड ने दावा किया कि ये प्लॉट उत्तराखंड की स्कीम का था और इसे वादी ने “बिजनेस के लिए” खरीदा था, यानी मुनाफा कमाने के मकसद से। बिल्डर की दलील थी कि अगर संपत्ति व्यापार के लिए खरीदी गई है, तो खरीदार “उपभोक्ता” की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए ये मामला आयोग में चल ही नहीं सकता।


आयोग ने बिल्डर को सुनाई खरी-खरी


मगर आयोग ने बिल्डर की इस बात को खारिज कर दिया। आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर और सदस्य अंजु शर्मा ने कहा कि ये साबित नहीं किया जा सकता कि प्लॉट केवल व्यवसायिक उद्देश्य से खरीदा गया था और भले ही जो भी हो, लेकिन पैसा लिया गया और कोई सेवा (प्लॉट कब्जा) नहीं दी गई, तो यह साफ तौर पर सेवा में कमी का मामला बनता है।


30 दिन में पूरा पैसा लौटाने का आयोग ने दिया आदेश


आयोग ने बिल्डर को आदेश दिया कि वो रविंद्र सिंह को 11.50 लाख रुपये की पूरी रकम 6% सालाना ब्याज के साथ 30 दिन के भीतर लौटाए। इसके अलावा बिल्डर को वाद खर्च के 5000 रुपये भी देने होंगे।


जनता के लिए क्या सबक?


इस केस से एक बड़ा संदेश मिलता है कि अगर आप भी किसी बिल्डर, कंपनी या एजेंसी के हाथों ठगे गए हैं, तो हिम्मत मत हारिए। कागजात और सबूत सही हों, तो उपभोक्ता अदालत में आपको इंसाफ मिल सकता है। आपका पैसा आपका हक है। किसी भी प्रॉपर्टी डील में सावधानी बेहद जरूरी है, प्रॉपर्टी डीलिंग के दौरान सब कुछ लिखित में लें, भुगतान के सबूत रखें और कब्जा मिलने तक सतर्क रहें।

अगर आप भी ऐसी किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, तो देर मत कीजिए। उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाइए, क्योंकि इंसाफ मिलना आपके अधिकार में है।

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