10 दिन तक डिजिटल अरेस्ट महिला से ठगे 1.5 करोड़, मानव अंगों की तस्करी और मनी लांड्रिंग का दिखाया डर

- Nownoida editor1
- 24 Jul, 2025
Noida: नोएडा में डिजिटिल अरेस्ट कर ठगी का एक और मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने 10 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर मानव अंगों की तस्करी और धन शोधन केस में फंसने का डर दिखाकर विधवा महिला से डेढ़ करोड़ रुपये हड़प लिए। पीड़िता की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वीडियो कॉल पर पुलिस की ड्रेस में बैठे ठगों ने जेल भेजने की दी धमकी
एनटीपीसी हाउसिंग सोसाइटी निवासी चित्रा सिंह ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी बताया कि उनके पति किशोर कुमार सिंह एनटीपीसी में अधिकारी थे, जिनकी मौत हो चुकी है। पति के नाम कुछ रकम बैंकों में जमा कर रखी थी। 8 जुलाई को अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने मुंबई पुलिस का कर्मचारी बताते हुए कहा कि उसके आधारकार्ड समेत अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल मानव अंगों की तस्करी और मनी लांड्रिंग में किया गया है। इसके साथ ही बताया कि इस सिंडिकेट का नरेश गोयल से लिंक है। चित्रा को भी बताया कि वह भी सिंडिकेट का हिस्सा है और जेल जाना पड़ेगा।
पीड़िता ने साइबर थाने में दर्ज कराई FIR
चित्रा ने बताया कि इसके बाद ठगों ने उसको वीडियो काल पर जोड़ लिया। वीडियो काल पर सीबीआई अधिकारियों से भी बात कराई। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने पूछताछ करने का विकल्प चुनने के लिए कहा। जांच के नाम पर महिला के खाते में जमा डेढ़ करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में यह कहकर ट्रांसफर कराए गए कि प्रक्रिया पूरी होते ही वापस कर दी जाएगी। ठग वीडियो कॉल के जरिये महिला पर नजर रखे रहे थे। महिला जब बैंक से रुपये निकालने जाती, तब भी उस पर नजर रहती। हर घंटे महिला कहां गई, इसकी जानकारी लेते रहते थे। महिला को हिदायत दी गई थी कि जांच के संबंध में कोई भी जानकारी वह किसी से साझा न करें। अगर ऐसा नहीं किया तो परिवार के अन्य सदस्य को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इतना ही नहीं गिरफ्तारी वारंट भी महिला के मोबाइल पर भेजा था।
तीन खातों में डेड़ करोड़ कराए ट्रांसफर
बैंककर्मी महिला को शक हुआ महिला इतना डर गई थी कि ठगों के कहने पर वह बार-बार बैंक जाती और अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर करती। चित्रा को देखकर बैंक में काम करने वाली महिला कर्मचारी को लगा कि वह परेशान है। कर्मचारी ने चित्रा से कहा कि अभी कुछ दिन पहले उसने लोन के लिए आवेदन किया था। अब अचानक से खाते से इतने रुपये निकाल रही हैं। एफडी तुड़वाने की क्या आवश्यकता पड़ गई। महिला कर्मचारी ने यह भी कहा कि अगर वह ठगों के जाल में फंस गई हैं तो बताएं। पीड़िता ने कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर दिया था। महिला कर्मचारी पीछे-पीछे शिकायतकर्ता के घर पहुंच गई। यहां उसे पता चला कि महिला को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया है और बार-बार रकम ट्रांसफर करवा रहे हैं।
महिला कर्मचारी ही थाने ले गई
इसके बाद महिला कर्मचारी ही पीड़िता को थाने ले गई और केस दर्ज कराया। जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई, पुलिस उन खातों की जांच कर रही है। शिकायतकर्ता महिला ने कहा उसकी उम्र अब 80 साल के करीब है। जिंदगी में जो भी जमा पूंजी थी, ठगी में चली गई। पुलिस ने ठगी की रकम को फ्रीज और होल्ड कराने के लिए संबंधित बैंक के अधिकारियों से भी संपर्क किया है। महिला जब डिजिटल अरेस्ट थी, तब कई करीबियों ने उसे कॉल किया पर उसने किसी को कोई जवाब नहीं दिया।
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