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बसंत पंचमी पर महाकुंभ में उमड़ा जनसैलाब, सुबह से जारी है अमृत स्नान, 1.25 करोड़ श्रद्धालु लगा चुके हैं डुबकी

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Noida: बसंत पंचमी के मौके पर महाकुंभ में अमृत स्नान चल रहा है. अलग-अलग अखाड़ों ने सुबह से ही शाही अंदाज में स्नान शुरू कर दिया. संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा तड़के से ही जुटी है. दोपहर तक तकरीबन 1.25 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं. करीब एक दर्जन अखाड़े भी शाही स्नान कर चुके हैं.

सुबह से ही अमृत स्नान के लिए अलग-अलग अखाड़ों से साधु संन्यासी अपने—पने शिविर से निकलकर संगम घाटों की ओर निकले. इनके हाथों तलवार-भाला भी था. पंचायती निरंजनी अखाड़े के संतों ने सुबह सबसे पहले अमृत स्नान किया. पंचायती निरंजनी अखाड़े के बाद जूना अखाड़े और किन्नड़ अखाड़े से जुड़े साधु संतों ने स्नान किया.

मौनी अमावस्या के दिन हुए भगदड़ के बाद से महाकुंभ नगर प्रशासन चुस्त दिखा. सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए थे. प्रशासन की ओर से क्राउड मैनेजमेंट पर पूरा जोर दिया जा रहा है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से भीड़ की निगरानी हेलीकॉप्टर से की जा रही है. वहीं, दो हजार से ज्यादा सीसीटीवी भी लगाए गए हैं. 90 से अधिक आईएएस अधिकारियों की महाकुंभ में ड्यूटी लगाई गई है. संगम में स्नान के बाद श्रद्धालुओं के बैठने और लेटने पर प्रशासन की ओर से पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है.

बसंत पंचमी के दिन दोपहर तक करीब सवा करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है. वहीं 13 जनवरी से 2 फरवरी तक करीब 35 करोड़ लोग महाकुंभ में डुबकी लगा चुके थे. तीसरे अमृत स्नान के मौके पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य भी प्रयागराज पहुंचे. उन्होंने कहा कि आज बसंत पंचमी है, आज का दिन बेहद खास है. इसी के साथ होली भी आ रही है. हर कोई खुश है. उन्होंने कहा कि मैं सनातन धर्म का उत्कर्ष देख रहा हूं. प्रयागराज से संदेश जा रहा है कि सनातन धर्मी एक हो जाएं. सनातन अजर—मर रहेगा.  


क्या बोले महात्मा


बसंत पंचमी के इस पावन पर्व पर पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है, हमारा सामाजिक सद्भाव, आध्यात्मिक मूल्य आज पूरे विश्व के केंद्र में हैं। योग और आयुर्वेद के माध्यम से भारत की अद्भुत स्वीकृति बढ़ रही है। हम वही हैं जो पूरे संसार को अपना परिवार मानते हैं। हम यह भी चाहते हैं कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाए जाएं और प्लास्टिक का उपयोग न किया जाए।

जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज



आज बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। सभी सनातनी आज मां सरस्वती की आराधना करेंगे। सभी अखाड़े पवित्र स्नान कर रहे हैं। कोई भी सरकार इस परंपरा को तभी समझ सकती है जब सरकार में कोई धर्म को समझने वाला हो, और धर्म को योगी जी (आदित्यनाथ) से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।

-आचार्य महामंडलेश्वर एवं निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज, निरंजनी अखाड़ा


अमृत स्नान को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में बहुत भाव और दिव्या तैयारी की है। शासन और प्रशासन की ओर से भी पूरा सहयोग किया गया है। पूरी दिव्यता के साथ अमृत स्नान संपन्न हो रहा है। समस्त अखाड़े अपने-अपने समय के अनुसार त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। सभी को अमृत स्नान का लाभ मिलेगा। 

आनंद अखाड़े के आचार्य स्वामी बालिकानंद गिरी जी


आज बसंत पंचमी के अवसर पर अंतिम 'अमृत स्नान' है। 'अमृत स्नान' के बाद हम वाराणसी के लिए प्रस्थान करेंगे। हमें स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया है। सभी श्रद्धालुओं से आग्रह करता हूं कि बिना आवश्यक कारण संगम घाट न आएं।

-महंत रविंद्र पुरी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद


अमृत स्नान बहुत शांतिपूर्वक और उत्कृष्ट तरीके से संपन्न हुआ। इस कुम्भ मेला का उद्देश्य विश्व में शांति और एकता स्थापित करना है। सभी को इससे एक सीख लेनी चाहिए। यहां सभी जाति और धर्म के लोग एकत्रित होते हैं। एकता, समृद्धि और भाईचारे की भावना बनी रहे।

-अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती



महाकुम्भ स्वयं ही अमृत स्नान है। मुगल शासन के दौरान जिसे शाही स्नान कहा जाता था, आज वैदिक संस्कृति में उसे अमृत स्नान के नाम से जाना जाता है। गंगा मात्र दर्शन से ही पापों से मुक्त करने की क्षमता रखती है, और हम यहां त्रिवेणी में उपस्थित हैं।

-महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरी महाराज, निरंजनी अखाड़ा



आज बसंत पंचमी के अवसर पर 'अमृत स्नान' हो रहा है। मुझे नहीं लगता कि इससे पहले कभी कुम्भ में इतनी बड़ी संख्या में लोग आए होंगे। बच्चों और बुजुर्गों को पहले स्नान कराया जाना चाहिए। श्रद्धालुओं को सभी का ध्यान रखना चाहिए। मैं युवाओं से भी आग्रह करता हूं कि वे सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर



आज का स्नान पूरे विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करने का अवसर है। यहां सभी प्रकार के लोग आए हैं। प्रशासन द्वारा किए गए इंतजाम उत्कृष्ट हैं।

महानिर्वाणी अखाड़ा महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद सरस्वती महाराज

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