Mahakumbh: अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय...महाकुंभ में बने 3 विश्व रिकॉर्ड, 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

- Rishabh Chhabra
- 27 Feb, 2025
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का समापन भव्यता के साथ हो गया। 45 दिनों तक चले इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महासंगम में 66 करोड़ 38 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य स्नान किया। औसतन हर दिन 1.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। इस ऐतिहासिक आयोजन में 70 से अधिक देशों से करीब 50 लाख विदेशी भक्त भी शामिल हुए। श्रद्धालुओं की इतनी विशाल संख्या के चलते यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन गया। इसकी तुलना अमेरिका की कुल जनसंख्या के दोगुने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त 193 देशों की कुल आबादी से भी अधिक की गई।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुए तीन कीर्तिमान
महाकुंभ 2025 ने न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व स्थापित किया, बल्कि कई ऐतिहासिक उपलब्धियां भी हासिल कीं। इस दौरान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में तीन नए रिकॉर्ड दर्ज किए गए—
सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन: 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की भागीदारी के साथ महाकुंभ 2025 विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन गया।
स्वच्छता अभियान: 19,000 सफाईकर्मियों ने 45 दिनों तक निरंतर कार्य कर महाकुंभ को स्वच्छता का नया आदर्श बनाया। इससे पहले 2019 के कुंभ में 10,000 सफाईकर्मियों द्वारा झाड़ू लगाने का रिकॉर्ड था, जिसे इस बार दोगुना कर दिया गया।
सबसे बड़ी हैंड पेंटिंग: 12,102 कलाकारों ने एक साथ पेंटिंग बनाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड 7,660 कलाकारों के नाम था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सफाईकर्मियों का किया सम्मान
महाकुंभ की इस ऐतिहासिक सफलता के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ प्रयागराज पहुंचकर संगम तट पर गंगा आरती और पूजा की। इस दौरान उन्होंने खुद झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया और सफाईकर्मियों के अभूतपूर्व योगदान की सराहना की।
सफाईकर्मियों को मिला विशेष तोहफा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में दिन-रात मेहनत करने वाले सफाईकर्मियों को सम्मानित किया और उनके साथ भोजन भी किया। उन्होंने सफाईकर्मियों के लिए बोनस और वेतन वृद्धि की घोषणा की, साथ ही उन्हें विशेष प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए। उन्होंने कहा कि सफाईकर्मियों के कठिन परिश्रम और निःस्वार्थ सेवा के कारण ही एक स्वच्छ और पवित्र महाकुंभ की परिकल्पना साकार हो सकी।
महाकुंभ 2025: एक अद्भुत संगम
महाकुंभ 2025 ने श्रद्धालु, भक्तों, सफाई अभियान और कला के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए। स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के साथ-साथ इस आयोजन ने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समन्वय की अनूठी मिसाल पेश की।
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