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Mayawati के मास्टर स्ट्रोक से आकाश के दिल पर लगी 'चोट', पारिवारिक कलह से लेकर ये वजह आई सामने

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मायावती इन दिनों एक बार फिर सुर्खियों में छाई हुई हैं. इस बार मायावती के एक फैसले ने दिल्ली से लेकर लखनऊ तक खलबली मचा कर रख दी है. दरअसल बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ तगड़ा एक्शन ले लिया है. मायावती ने आकाश आनंद को ना केवल सभी पदों से हटाया है बल्कि पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है. आइए आपको इस पर विस्तार से बताते हैं. 

मायावती ने आकाश को किया पार्टी से बाहर 

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया है. मायावती ने अपने इस निर्णय की जानकारी खुद किया है. जिसके बाद पार्टी के भीतर मची पारिवारिक कलह खुलकर सामने आ गई है. मायावती ने आकाश को पार्टी से निकालने का ऐलान करते हुए कहा कि बसपा की कल हुई बैठक में आकाश आंनद को पार्टी हित से ज्यादा पार्टी से निकाले गए अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने की वजह से नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया. इस पर आकाश को पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी चाहिए थी. मगर आकाश ने परिपक्वता दिखाने के बजाय अपनी लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दे दी है. वो प्रतिक्रिया आकाश के पछतावे और राजनीतिक मैच्योरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है. 

आकाश ने सोशल मीडिया पर की ये पोस्ट 

पार्टी मुखिया द्वारा जिम्मेदारी छीनने पर आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था कि ‘मैं मायावती जी का कैडर हूं. उनके नेतृत्व में त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक मैने सीखे हैं. ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं. बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर है. मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं और उनके फैसले के साथ खड़ा हूं. मायावती जी द्वारा पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का फैसला मेरे लिए व्यक्तिगत तौर से भावनात्मक है. साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है. परीक्षा कठिन और लड़ाई लंबी है. ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं. बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के लिए हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा’.

आकाश आनंद आगे लिखते हैं कि ‘कुछ विरोधी दलों के लोग सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर खत्म हो गया. उन्हें समझ जाना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की एक लड़ाई है. ये एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता है. इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार रहते हैं’.

आकाश की कुर्सी पर राम जी गौतम काबिज

बहुजन समाजवादी पार्टी के सूत्रों की मानें तो मायावती ने दिल्ली में 17 फरवरी को ही पार्टी की बैठक में आकाश आनंद को अपने निर्णय से अवगत करा दिया था. रविवार को लखनऊ की राष्ट्रीय कार्रकारिणी की बैठक में औपचारिक रूप से आकाश आनंद को हटाए जाने की मुहर लगा दी गई है. लखनऊ की बैठक में आकाश की गैरहाजिरी से ये साफ हो गया था. वहीं आमतौर पर उन्हें आवंटित की जाने वाली कुर्सी पर पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम बैठे हुए दिखाई दिए. जिससे साफ है कि बसपा में अब आकाश आनंद की जगह रामजी गौतम ने ले ली है.

रामजी गौतम के साथ ही मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को भी बसपा का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है, जो कि आकाश के पिता हैं. देशभर में बसपा को रामजी गौतम और आनंद कुमार मिलकर मजबूत बनाने का काम करेंगे. बसपा सुप्रीमो मायावती के एक्शन के बाद आकाश आनंद के लिए सियासी टेंशन खड़ी हो गई है.

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