प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग देने वाले अवध ओझा ने राजनीति के मैदान में एंट्री मार ली है. ओझा ने अपनी राजनीतिक पारी का आगाज आम आदमी पार्टी से किया. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में अवध ओझा ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले ओझा ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी और दिल्ली की किस विधानसभा सीट से टिकट दिया जाएगा, इस बात को लेकर भी चर्चा हुई थी.

राजनीति में आकर शिक्षा का विकास मेरा सर्वोत्तम उद्देश्य- ओझा
पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अवध ओझा ने कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे राजनीति में आकर शिक्षा के लिए काम करने का अवसर दिया है. शिक्षा परिवार, समाज और राष्ट्र की आत्मा है. जितने भी देश महान हुए उनकी पृष्ठभूमि में शिक्षा का अहम योगदान रहा है. राजनीति में आकर शिक्षा का विकास मेरा सर्वोत्तम उद्देश्य रहेगा.

कौन हैं अवध ओझा?
उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं अवध प्रताप ओझा. अवध ओझा का जन्म 3 जुलाई 1984 को हुआ. अवध ओझा के पिता गोंडा में पोस्टरमास्ट थे. अवध ओझा मोटिवेशनल स्पीकर होने के साथ ही छात्रों को सिविल सर्विस परीक्षा की कोचिंग भी देते हैं. मगर इसमें हैरानी वाली बात ये है कि ओझा खुद इस परीक्षा में फेल हो गए थे. सोशल मीडिया की दुनिया में अवध ओझा को ओझा सर के नाम से जाना जाता है. छात्रों को उनके पढ़ाने का तरीका काफी पसंद आता है और उनके वीडियो को काफी पसंद किया जाता हैं. अवध ओझा का आईएएस ऑफिसर बनना बचपन का सपना था. सपना पूरा करने के लिए वह दिल्ली पढ़ने के लिए आए. उनके पिता ने पढ़ाई के खर्च के लिए जमीन तक बेच दी थी. उन्होंने खूब मेहनत करके प्रीलिम्स क्लियर कर लिए लेकिन मेंस क्लियर नहीं कर सके. इसके बाद अवध ओझा इलाहाबाद गए और वहां दोस्त के कोचिंग सेंटर में पढ़ाना शुरू किया. पहले उनके पढ़ाने के तरीके को कुछ खास पसंद नहीं किया जाता था लेकिन बाद में उन्होंने पढ़ाने का तरीका बदला और धीरे-धीरे छात्रों को पसंद आने लगे. उनके वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होते रहते हैं. वह यूपीएससी छात्रों को इतिहास पढ़ाते हैं. छात्रों की मानें तो ओझा सर से बेहतर इतिहास कोई नहीं पढ़ा सकता है.

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