सपा नेता आजम खान डूंगरपुर बस्ती केस में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के मामले का दोषी पाया है और 10 साल की सजा के साथ ही 14 लाख का जुर्माना भी लगाया है। इसी के साथ ही आजम खान के करीबी ठेकेदार बरकत अली को भी 7 साल की सजा मिली है।

डूंगरपुर केस का फैसला, आजम को 10 साल की सजा

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को आज फिर से सजा का ऐलान हो गया है। रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान के खिलाफ डूंगरपुर केस में फैसला सुनाया है। सीतापुर की जेल में बंद आजम खान की जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की गई।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां को डूंगरपुर बस्ती खाली कराने के एक और मामले में बुधवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आजम को डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के मामले में दोषी पाया है। डूंगरपुर केस में आजम को 10 साल की जेल के साथ ही 14 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही उनके करीबी ठेकेदार बरकत अली को भी 7 साल की सजा मिली है।

क्या है डूंगरपुर बस्ती केस मामला?


समाजवादी पार्टी सरकार में 2016 में डूंगरपुर बस्ती में रह रहे लोगों के मकान तोड़कर आसरा आवास बनाया था। लेकिन साल 2019 में बेघर 12 लोगों ने गंज कोतवाली में अलग-अलग केस दर्ज कराए। जिसमें आरोप लगाया गया था कि सपा सरकार में आजम खान के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने उनके घरों को जबरन खाली कराया और साथ ही उनका सामान भी लूट लिया है। मकानों पर ध्वस्त कर दिया था। यहां तक के मामले में आजम खान नामजद नहीं थे।

लेकिन इसके बाद डूंगरपुर केस में पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा और पूछताछ की। जिसमें आरोपियों ने आजम खान का नाम लिया। 12 केस में से 8 में फैसला सामने आ चुका है। पांच में उन्हें सजा और 3 में वो बरी हुए हैं। एक मामले में उन्हें सात साल की सजा हुई थी। इस मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। हालांकि, एक दूसरे मामले में सजा मिलने की वजह से वो रिहा नहीं हो पाए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आजम खान पर 84 केस अभी विचाराधीन हैं।

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