Loksabha Election 2024: साल 2014 के बाद से EVM लगातार सवालों के घेरे में था। विपक्ष चुनाव हारने की वजह ईवीएम से चुनाव करवाने की प्रक्रिया को ठहरा रहा था। साल 2014 का लोकसभा चुनाव तो याद होगा, जब पहली बार विपक्ष ने ईवीएम पर सवाल खड़ा किया और मशीन में छेड़छाड़ की आशंका जताई। इसके बाद कई राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए, साल 2019 में लोकसभा चुनाव हुआ, इसके बाद तो ईवीएम को हैक करने की आशंका को सच्चाई में तब्दील करना शुरू कर दिया गया। लोगों के जहन में ये बात डाल दी गई कि ईवीएम की वजह से ही बीजेपी लगातार चुनावों को जीत रही है। हालांकि जब-जब विधानसभा चुनावों में रिजल्ट विपक्ष के फेवर में आया, तब ईवीएम सवालों के घेरे से जरूर बाहर रहा। साल 2024 में जहां बीजेपी चुनाव से पहले अपकी बार 400 के पार का नारा दिया तो ये बात सामने आनी शुरू हो गई थी कि अगर रिजल्ट बीजेपी के फेवर में आया तो इसका जिम्मेदार केवल और केवल ईवीएम होगा। लेकिन इस बार के रिजल्ट ने सबका मुंह पर ताला लगा दिया।

ना तो 400 के पार, ना I.N.D.I.A का सपना हुआ पूरा

साल 2024 के लोकसभा चुनाव में ना तो बीजेपी बहुमत को आंकड़े को छू पाई ना ही एंडी गठबंधन, हालांकि एनडीए एलाइंस ने जरूर बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर लिया। देश के सबसे बड़े राजनीतिक सूबे यूपी में बीजेपी को जरूर मुंह की खानी पड़ गई। यहां समाजवादी पार्टी ने अकेले दम पर बीजेपी को ना सिर्फ पछाड़ा, बल्कि कई अहम सीटों और केंद्रीय मंत्रियों को धूल चटाई। जिसमें अयोध्या, अमेठी, मोहनलालगंज जैसे लोकसभा सीटें शामिल थी। अखिलेश यादव ने अकेले यूपी में 37 लोकसभा सीटों पर विजय का झंडा फहराया, जबकि बीजेपी को 33 सीटें मिलीं, इसके अलावा कांग्रेस को 6, रालोद को दो सीटों पर जीत हासिल हुई।

जब CEC को कहना पड़ गया, फिर मिलेगी गाली…

लोकसभा चुनाव के रिजल्ट से एक दिन पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहना पड़ गया कि अब तो सबके सामने है, अब सबको पता है, क्यों पीटना है, ईवीएम को भी थोड़ दिन आराम करने दीजिए, अगले चुनाव तक ईवीएम आराम करेगी, फिर उठेगी, बैटरी बदलेंगे, पेपर बदलेंगे, फिर वो गाली खाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने इतना तक कह दिया कि शायद ईवीएम की जन्म ही गलत समय हुआ है।

प्रधानमंत्री ने ऐसे क्यों पूछा?

प्रधानमंत्री ने सांसदों को संबोधित करते हुए चुटकीले अंदाज में बोले ईवीएम पर एकाएक सवाल उठना बंद हो गया है। जब 4 जून को नतीजे आ रहे थे, तब कुछ लोग उन्हें रिजल्ट के बारे में बता रहे थे, तब प्रधानमंत्री मोदी ने चुटकीले अंदाज में उनसे पूछे, नतीजे तो ठीक है लेकिन मुझे किसी ने ये नहीं बताया कि ईवीएम जिंदा है या फिर मर गया। विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ये पहले से तय कर रखा था कि लोगों को भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया से विश्वास उठ जाए। प्रधानमंत्री ने कहा उन्हें लग रहा था इस बार विपक्ष ईवीएम पर ताला लगवा कर मानेगा लेकिन 4 जून शाम आते-आते ईवीएम ने उन्हें चुप कर दिया और उनकी जुबान पर ताले लग गये।

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