Greater Noida: नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल (एनजीटी) ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इकोविलेज 2 सोसायटी में दूषित पानी सप्लाई मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। एनजीटी ने डीएम सहित विभिन्न अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। सोसाइटी में दूषित पानी पीने की वजह से 400 से अधिक लोग बीमार हुए थे। जिसमें 170 बच्चे भी शामिल थे। इसके साथ ही सोसाइटी के पानी में ई कोली बैक्टीरिया और ब्लीचिंग पाउडर की पुष्टि हुई थी।

एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लिया
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने एक अक्टूबर को डीएम सहित अन्य अधिकारियों को जारी अपने आदेश में कहा है कि एक अखबार जल प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे उठाया है। इस मामले की सुनवाई के लिए पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल तथा अफरोज अहमद भी शामिल थे।

लिखित में जवाब दाखिल करें
पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिवों, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिलाधिकारी को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही कहा है कि  अगली सुनवाई की 28 जनवरी से कम एक सप्ताह पहले हलफनामे के रूप में अपना जवाब दाखिल करें।

ये था मामला
गौरतलब है कि इको विलेज-2 सोसाइटी में करीब 3000 परिवार रहते हैं। इस सोसाइटी में 2 से 4 सितंबर तक 1500 परिवार लोग दूषित पानी पीने से बीमार पड़ गए थे। कई पूरा परिवार ही बीमार हो गया था। बीमार होने वालों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं थे। हालत यह हो गई थी कि सोसाइटी के आसपास क्लीनिक और अस्पताल में इलाज कराने के लिए लोगों की भीड़ लग गई थी। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बीमार होने पर हड़ंकप मच गया था। तुरंत स्वास्थ्य विभाग, प्राधिकरण और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी। पिछले दिनों दूषित पानी पीने से सुपरटेक इको विलेज-2 सोसाइटी के 1500 लोगों के बीमार पड़ने के मामले में सुपरटेक बिल्डर पर 5 करोड़ 7 लाख जुर्माना लगाया है। इसमें पांच करोड़ प्रदूषण और 7 लाख रुपये ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लगाया था।

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