Ghaziabad: गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र के शहीद नगर इलाके में 30 साल की बाद एक खोया युवक राजू लौट आया था और अपने खोए हुए परिवार से मिला था। हालांकि अब युवक की कहानी में ऐसा नया मोड  आया है, जिससे गाजियाबाद पुलिस भी हैरान हो रही है और मामले की जांच में उलझ गई है।

थाने पहुंचकर खुद के अपहरण की कहानी बताई
दरसल, लापता हुआ युवक राजू गाजियाबाद के खोड़ा थाने में पहुंचा था, जहां उसने पुलिस को बताया कि वह गाजियाबाद का रहने वाला है। 30 साल पहले जब वह स्कूल से घर लौट रहा था तो ऑटो सवार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और उसे राजस्थान के जैसलमेर इलाके में ले जाया गया। जहां उस भेड़ बकरी चराने का काम कराया जाता था और मारपीट की जाती और खाने के लिए भी एक रोटी दी जाती थी।

पुलिस ने रिटायर्ड कर्मचारी को सौंपा था
पुलिस ने इसके बाद 30 साल पहले दर्ज हुए बच्चे की गुमशुदगी और अपहरण के मामलों को खंगालना शुरू किया। जिसके बाद साहिबाबाद थाने में दर्ज हुई, एफआईआर के आधार पर पहुंचे एक रिटायर्ड बिजली कर्मचारी तुलाराम के परिवार को सौंप दिया था। जिनका बच्चा 30 वर्ष पूर्व लापता हो गया था। इसके बाद वापस लौटे युवक राजू और उसके पिता तुलाराम और मां ने भी उसकी पहचान की गई। लेकिन अब इस कहानी में नया ट्विस्ट आ गया है। जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस भी मामले की जांच में उलझ गई है।

देहरादून में भी परिवार का बेटा बनकर गया था
दरसल, अब गाजियाबाद पुलिस को सूचना मिली है कि वापस लौट कर आया युवक राजू जुलाई में देहरादून पुलिस के पास पहुंचा और पुलिस को अपने अपहरण की यही कहानी सुनाई थी कि वो देहरादून का रहने वाला है और बचपन मैं अज्ञात लोगों द्वारा उसका अपरण कर राजस्थान ले जाया गया। जहां उसे बंधुआ मजदूर के रूप में रखा गया और भेड़ बकरी चराने का काम कराया जाता था।

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