उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच ‘मठाधीश माफिया’ बयान विवाद काफी गंभीर होता मालूम दे रहा है। दोनों पक्षों की तरफ से लगातार बयान आ रहे हैं। गाजियाबाद और अयोध्या में सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा, तो अब अखिलेश यादव ने फिर से तंज कसते हुए, बिना नाम लिए पलटवार कर दिया है।

अखिलेश यादव ने दूसरी बार कसा CM Yogi पर तंज

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को एक्स पर लिखा कि ‘अब कोई अपशब्दों का विश्व रिकॉर्ड बनाने में लगा है। इंसान की ‘सोच’ ही शब्द बनकर निकलती है। सबको सन्मति दे’।

इसके बाद शुक्रवार को उन्होंने एक्स पर लिखा ‘भाषा से पहचानिए असली संत महंत, साधु वेष में घूमते जग में धुर्त अनंत’। जिसके बाद से सियासत में काफी हलचल हो गई है।

सीएम योगी ने किया था पलटवार

सीएम योगी ने गुरुवार को मिल्कीपुर में अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- ‘सारे माफिया इनके चचा जान जैसे हैं। जैसे कुत्ते की पूंछ सीधे नहीं हो सकती, वैसे ही बेटियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले सपा के दरिंदे ठीक नहीं हो सकते हैं’।

क्या है अखिलेश यादव का माफिया मठाधीश वाला बयान

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने एक बयान में माफिया और मठाधीश को एक जैसा बता दिया था। जिसके बाद से सीएम योगी और अखिलेश के बीच जुबानी जंग जारी है। अखिलेश यादव ने बयान पर कहा था कि मैंने कभी किसी साधु-संत को मठाधीश नहीं कहा, लेकिन जिसे क्रोध आता हो वो योगी कैसे हो सकता है। इसलिए मैं कहता हूं, हमारे सीएम मठाधीश मुख्यमंत्री हैं। वहीं सपा मुखिया ने सीएम योगी के सपा को माफिया बताने पर कहा कि हमारी और उनकी फोटो लगाकर देख लो कौन माफिया दिखता है।

मंत्री कपिलदेव ने दिया अखिलेश यादव को जवाब

यूपी सरकार में मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने भी अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो लोगों ने सोचा था कि वे अपनी वेषभूषा में परिवर्तन करेंगे। योगी जी ने CM बनने के बाद भी कोई परिवर्तन नहीं किया है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद अभी भी तख्त पर सोते है और रोजाना सुबह 4 बजे उठने के साथ ही योग करते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ‘योगी’ है कि नहीं, क्या अब इसका सर्टिफिकेट भी अखिलेश यादव देंगे। सीएम योगी ‘योगी’ है। जहां तक क्रोध की बात है तो किस समय क्रोध करना है और किस समय स्नेह और दुलार करना है।

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